नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन के स्टार लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय और पीवी सिंधू ने पेरिस ओलंपिक में अपने अपने मुकाबले शानदार ढंग से जीतकर एकल वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। सिंधू ने महिला एकल के ग्रुप स्टेज मुकाबले में एस्टोनिया की कूबा को हराया, वहीं पुरुष एकल में लक्ष्य ने विश्व नंबर तीन जोनाथन क्रिस्टी को हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। प्रणय ने वियतनाम के ली डुक को हराकर अंतिम-16 में प्रवेश किया। हालांकि, अब राउंड ऑफ 16 में पुरुषों के एकल वर्ग में भारत के लिए एक मुश्किल मैच होने जा रहा है। यह मैच भारत के दो स्टार बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक के सफर को इस ओलंपिक में खत्म कर देगा।
एक का सफर होगा खत्म
दरअसल, आज पुरुष एकल के प्री क्वार्टर फाइनल में लक्ष्य सेन का सामना एचएस प्रणय से ही होगा। ये मैच फैंस के लिए बुरी खबर है, क्योंकि दोनों देश के शीर्ष बैडमिंटन प्लेयर हैं और दोनों से ही पदक की आस थी। हालांकि, ग्रुप में ऐसी स्थिति होने की वजह से दोनों का आमना सामना हो रहा है। इन दोनों में से कोई एक शुरुआती दौर में बाहर हो जाएगा और भारत के एक पदक की उम्मीद को झटका लगेगा। अगर ये मुकाबला सेमीफाइनल या फाइनल में होता तो दोनों ही पदक जीत सकते थे, जो कि अब नहीं हो सकेगा। ऐसे में दोनों जब आमने-सामने होंगे तो एक-दूसरे के खिलाफ शीर्ष प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे। जहां प्रणय की विश्व रैंकिंग 13 है, वहीं लक्ष्य 19वें रैंक पर हैं। हालांकि, जिस तरह बुधवार को लक्ष्य ने क्रिस्टी को हराया, प्रणय उन्हें हल्के में लेने की गलती बिल्कुल नहीं करेंगे।
दोनों ही खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल सात बार आमने-सामने आ चुके हैं। चार मैचों में लक्ष्य और तीन मैचों में प्रणय ने जीत हासिल की है। दोनों पहली बार 2022 इंडिया ओपन में आमने-सामने आए थे। तब लक्ष्य ने प्रणय को 21-14, 9-21, 14-21 से हराया था। वहीं, पिछली बार दोनों 2023 इंडिया ओपन में आमने-सामने आए थे और लक्ष्य ने तब भी 21-14, 21-15 से मैच जीता था। यह पहली बार होगा जब कोई दो भारतीय पेरिस ओलंपिक के बैडमिंटन में आमने-सामने होंगे। इस मैच को जीतने वाले खिलाड़ी का क्वार्टर फाइनल में सामना जापान के कोडाई नाराओका या चीनी ताइपे के चोऊ तियेन चेन से हो सकता है। हालांकि, न ही प्रणय और न ही लक्ष्य का इन दोनों के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड है। अगर भारतीय इस मैच को भी जीतने में कामयाब रहते हैं तो सेमीफाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से सामना हो सकता है।
कब-कब आमने-सामने आए लक्ष्य और प्रणय अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट
साल टूर्नामेंट अंतर विजेता
2023 इंडिया ओपन 2023 14-21 15-21 लक्ष्य सेन
2023 मलयेशिया ओपन 2023 22-24 21-12 21-18 एचएस प्रणय
2022 डेनमार्क ओपन 2022 9-21 18-21 लक्ष्य सेन
2022 विश्व चैंपियनशिप 2022 17-21 21-16 21-17 एचएस प्रणय
2022 इंडोनेशिया ओपन 2022 21-10 21-9 एचएस प्रणय
2022 जर्मन ओपन 2022 15-21 16-21 लक्ष्य सेन
2022 इंडिया ओपन 21-14 9-21 14-21 लक्ष्य सेन
सिंधू ने कूबा को सीधे गेमों में हराया
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने एस्टोनिया की क्रिस्टीन कूबा को सीधे गेमों में 21-5, 21-10 से हराया। रियो ओलंपिक में रजत और टोक्यो में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू ने यह एकतरफा मुकाबला 33 मिनट में जीता। वहीं लक्ष्य ने दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेमों में 21-18, 21-12 से मात दी। प्रणय ने अपने आखिरी ग्रुप मैच में वियतनाम के ली डुक फाट को 16-21, 21-11, 21-12 से हराया।
लक्ष्य ने जीत के बाद कहा, ‘यह काफी कठिन मैच था और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।’ उन्होंने कहा, ‘स्वर्ण पदक पर नजरें हैं। पिछले कुछ महीने से प्रदर्शन अच्छा रहा है। उतार चढ़ाव आए हैं लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा ही रहा है।’ वहीं सिंधू दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी चीन की ही बिंगजियाओ से खेल सकती हैं, जिसके खिलाफ वह 11 बार हारी हैं और नौ बार जीती हैं। सिंधू ने टोक्यो ओलंपिक में उन्हें ही हराकर कांस्य पदक जीता था।
लक्ष्य ने क्रिस्टी के खिलाफ शानदार खेल दिखाया
विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता अलमोड़ा के 23 वर्ष के लक्ष्य ने मौजूदा आल इंग्लैंड और एशियाई खेल चैंपियन क्रिस्टी के खिलाफ मुकाबला 50 मिनट में जीता। अपना पहला ओलंपिक खेल रहे 32 साल के प्रणय को ग्रुप के आखिरी मैच में फाट के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने शुरुआती गेम में कई गलतियां करने का खामियाजा भुगतने के बाद दूसरे गेम में लय हासिल करने के बाद वियतनाम के खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और 62 मिनट में इस मुकाबले को अपने नाम कर लिया।
लक्ष्य ने इससे पहले क्रिस्टी को सिर्फ एक बार चार साल पहले बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में हराया था। दोनों के बीच ओलंपिक मुकाबले से पहले हुए पांच में से चार मुकाबले क्रिस्टी ने जीते थे। लक्ष्य ने बुधवार को इस मुकाबले में काफी परिपक्वता दिखाते हुए जबरदस्त आक्रामक प्रदर्शन किया। पहले गेम में क्रिस्टी ने 5-0 की बढत बना ली थी जो 8-2 की हो गई। लक्ष्य ने शानदार वापसी करते हुए अपने विरोधी को गलतियां करने पर मजबूर किया और अंतर 7-8 कर दिया।
एक समय स्कोर 16-16 से बराबरी पर था जिसके बाद क्रिस्टी ने दो अंक हासिल किया, लेकिन लक्ष्य ने वापसी करते हुए फिर बराबरी की। पीछे से शानदार रिटर्न पर लक्ष्य ने बढत बनाई और फिर गेम प्वाइंट भुलाकर पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में लक्ष्य ने जजमेंट की कुछ गलतियां की, लेकिन दबाव नहीं बनने दिया। अपने शानदार पुश और स्मैश से उन्होंने क्रिस्टी को लगातार गलतियां करने पर विवश किया। क्रिस्टी ब्रेक तक पूरी तरह दबाव में आ चुके थे और फिर वापसी नहीं कर पाए।
बिंगजियाओ से होगा सिंधू का सामना
इससे पहले सिंधू ने जीत के बाद कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। ग्रुप में शीर्ष पर रहना जरूरी था। अब सामना ही बिंगजियाओ से होगा। इस जीत से मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। अगले मुकाबले आसान नहीं होंगे लिहाजा मुझे शत प्रतिशत तैयार रहना होगा। मैं मैच दर मैच रणनीति बना रही हूं। पदक जीतना है और मुझे खुशी होती है जब लोग कहते हैं कि आपसे हैट्रिक चाहिए। आपसे पदक चाहिए, लेकिन इसके साथ काफी जिम्मेदारी और दबाव भी आता है जिसे हावी नहीं होने देना है।’
पहले मैच की ही तरह सिंधू को इस मुकाबले में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। विश्व रैंकिंग में 73वें स्थान पर काबिज एस्तोनिया की खिलाड़ी 13वीं रैंकिंग वाली भारतीय का सामना नहीं कर सकी। सिंधू ने पहला गेम 14 मिनट में जीता। दूसरे गेम में कूबा ने चुनौती पेश की लेकिन सिंधू ने हर वार का माकूल जवाब दिया। कूबा ने 2-0 की बढत बनाई लेकिन सिंधू ने जल्दी ही बराबरी कर ली। इसके बाद लंबी रेलियां चली और एक समय सिंधू को पूरा नेट कवर करके दौड़ना पड़ा और कूबा ने शटल उनकी पहुंच से बाहर फेंकी। इसके बाद सिंधू ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करके क्रॉसकोर्ट स्मैश से 15-6 से बढत बना ली और इसके बाद कूबा को वापसी का कोई मौका नहीं दिया।