नई दिल्ली : संसद चलाने की प्रति मिनट लागत 2.5 लाख रुपये तक आती है। इसमें संसद सुरक्षा के साथ-साथ, इमारत के रखरखाव, बिजली, पानी, पेट्रोल और भोजन बिल, सांसदों, उनके अंगरक्षकों, संसद कर्मचारियों के वेतन और भत्ते शामिल हैं।
संसद में बुधवार को लोकसभा की दर्शक दीर्घा में बैठे दो व्यक्ति अचानक सदन में कूद गए और कलर स्मोक उड़ाने लगे। दो अन्य लोगों ने संसद के बाहर हंगामा मचाया। इस मामले में पुलिस छह में से पांच आरोपियों को गिरफ्त में ले चुकी है। एक अन्य आरोपी अभी फरार है। कम लोगों को ही पता है कि बुधवार जैसी ही घटना 1994 में भी दो बार घटी थीं। इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
आखिर किसके पास है संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी? नए संसद भवन में क्या सुरक्षा नियमों में कोई बदलाव हुआ है? 1994 में क्या हुआ था? 2001 के हमले के बाद क्या बदलाव किए गए? इस घटना के बाद क्या संसद की सुरक्षा को लेकर कोई बदलाव होने की बात हो रही है? आइये जानते हैं।





