नई दिल्ली : खाने-पीने की चीजों को रखने के लिए क्या आपके घरों में भी प्लास्टिक वाली चीजों का इस्तेमाल किया जाता है? अगर हां तो सावधान हो जाइए, ये शरीर के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकता है। अब तक के अध्ययनों में प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से होने वाली समस्याओं को लेकर अलर्ट किया जाता रहा था, हालांकि नए शोध में वैज्ञानिकों ने बताया है कि फूड पैकिजिंग वाली कई चीजों का इस्तेमाल भी इतना नुकसानदायक हो सकता है कि इसके कारण समय से पहले बच्चों के जन्म का खतरा बढ़ता जा रहा है।
प्लास्टिक और इसका दैनिक जीवन में इस्तेमाल कितना हानिकारक है, इस बारे में किए गए हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने सभी लोगों को अलर्ट किया है, विशेषकर महिलाओं को इसके गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर सावधानी बरतते रहने की सलाह दी गई है।
नए अध्ययन के अनुसार, खाद्य कंटेनर और कॉस्मेटिक पैकेज जैसी रोजमर्रा की प्लास्टिक की वस्तुएं बच्चों के जन्म संबंधी समस्याओं का कारक हो सकती हैं।
बढ़ रहा है समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा
द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक वाली चीजों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण समय से पहले बच्चों के जन्म की घटनाओं के भी बढ़ते जोखिमों को लेकर अलर्ट किया है। समय से पहले जन्म का मतलब गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले बच्चों का जन्म होना है। सीडीसी ने इस महीने की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि दुनियाभर में ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने लगभग 5,000 अमेरिकी महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर विश्लेषण किया जिसमें पाया गया है कि प्लास्टिक मां-बच्चे दोनों के लिए हानिकारक प्रभावों वाले हो सकते हैं।
प्लास्टिक में पाए गए हानिकारक रसायन
शोध में गर्भवास्था के दौरान नियमित अंतराल पर महिलाओं का यूरिन सैंपल लिया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने थैलेट्स नामक रसायन की पुष्टि की गई। इस रसायन को पहले के अध्ययनों में भी हार्मोन कार्यों को प्रभावित करने वाला पाया गया है जो शरीर की अन्य प्रक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि थैलेट्स के संपर्क में आने से समय से पहले जन्म का खतरा काफी बढ़ सकता है। अनुमानित यह सालाना 56,595 समय से पहले जन्मों का कारण बन रहा है।
प्लास्टिक की चीजों का उपयोग हो सकता है हानिकारक
रिपोर्ट के लेखकों ने बताया कि प्लास्टिक की चीजों को लचीला बनाने के लिए इस रसायन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। फर्नीचर, पाइप, बेबी पैंट, खिलौने और मेडिकल ट्यूबिंग सहित कई अन्य उत्पादों में भी इसका उपयोग किया जाता है। समय के साथ ये रसायन प्लास्टिक में रिसकर शरीर के संपर्क में आ सकते हैं, जिसके कारण कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इन रसायनों के कारण होने वाले जोखिमों से बचाव के लिए निर्माताओं को इसके अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। वैश्विक स्वास्थ्य के लिए ये रसायन गंभीर समस्याकारक हो सकते हैं।
क्या है अध्ययन का निष्कर्ष?
शोध के निष्कर्ष में एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक लियोनार्डो ट्रैसांडे बताते हैं, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि प्लास्टिक बनाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले ये रसायन समय से पहले जन्म के खतरे को बढ़ा रहे हैं। समय से पहले बच्चों के जन्म के कारण उनमें भविष्य में शरीरिक और मानसिक विकारों का खतरा हो सकता है। थैलेट्स रसायन को पहले के अध्ययनों में भी मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हुए देखा गया है।
जोखिमों को देखते हुए सुरक्षित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करना या संभव हो तो प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से कम करना बहुत आवश्यक हो गया है।




