*भोपाल:-* राज्यसभा चुनाव में सिर्फ एक हफ्ते का वक्त बचा है, इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगने वाला है. जयंत चौधरी के सपा और अखिलेश से रिश्ते खत्म करने और विधायक पल्लवी पटेल के बगावत के सुर छेड़ने के बाद अब खबर है कि कई और बड़े चेहरे पार्टी से नाता तोड़ सकते हैं। राज्यसभा उम्मीदवारों के चयन के बाद से पार्टी बगावत का सामना कर रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य की बगावत का आलम तो ये है कि उन्होंने नाराजगी के चलते सपा के महासचिव के पद से भी इस्तीफा दे दिया था. यूपी तक की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा उम्मीदवारों के नामांकन के बाद विधायक इंद्रजीत सरोज बीजेपी के सपर्क में बताए जा रहे हैं. इंद्रजीत सरोज बीजेपी एमएलसी रामचंद्र प्रधान के समधी हैं. *स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी पूर्व विधायक भी सपा से नाराज*खबर ये भी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी और पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सूत्र बताते हैं कि सपा के महासचिव का पद छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य प्रयागराज में कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल होंगे.*राज्यसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव पर लग रहा है ये आरोप*सपा के अंदर मचे सियासी बवाल के बीचे अखिलेश यादव पर जो आरोप लग रहा है वो ये है कि उन्होंने पीडीए को दरकिनार करके राज्यसभा के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं. पीडीए वही है, जिसका अखिलेश यादव ने कई बार नारा दिया था. इसके जरिए पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का सियासी समीकरण साधने की पूर्व सीएम ने कोशिश की थी. हालांकि उनका पीडीए का नारा राज्यसभा चुनाव में उनपर ही भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।