नई दिल्ली : प्राचीन ग्रंथों में पौराणिक काल की कई विदुषी स्त्रियों का ज़िक्र मिलता है, जिनके ज्ञान के आगे बड़े-बड़े विद्वान भी नतमस्तक हो गए।
भारत में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। हालांकि ये प्रयास आज का नहीं, दशकों से बहुत सी स्त्रियों को पढ़ने और स्कूल जाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। सवाल है कि क्या स्त्री शिक्षा दशकों पुरानी समस्या है या पौराणिक काल में स्त्रियों को दीक्षा दी जाती थी?
प्राचीन भारत में पुरुषों को तो दीक्षा के लिए गुरुकुल भेजा जाता था लेकिन प्राचीन ग्रंथों में पौराणिक काल की कई विदुषी स्त्रियों का ज़िक्र मिलता है, जिनके ज्ञान के आगे बड़े-बड़े विद्वान भी नतमस्तक हो गए। इस लेख में प्राचीन काल की ज्ञानवान स्त्रियों के बारे में बताया जा रहा है।
विदुषी गार्गी
पौराणिक काल की विदुषी स्त्रियों का नाम आने पर सबसे पहले विदुषी गार्गी को स्मरण किया जाता है। विदुषी गार्गी का वेदों की रचना में महत्वपूर्ण योगदान था। गार्गी गर्गवंश में वचक्नु नामक महर्षि की पुत्री थीं, उनका पूरा नाम ‘वाचकन्वी गार्गी’ है। रामायण काल में राजा जनक के दरबार में शास्त्रार्थ का आयोजन हुआ, जिसमें ऋषि याज्ञवल्क्य और गार्गी के बीच प्रश्न-उत्तर किये गए। इन्हीं प्रश्नोंत्तर पर ‘बृहदारण्यक उपनिषद’ का निर्माण हुआ।
माता सीता
गोस्वामी तुलसी दास की रामचरित मानस के मुख्य पात्र श्री राम की पत्नी जानकी यानी देवी सीता केवल अपने पतिव्रता होने के लिए नहीं, बल्कि ज्ञान के लिए भी प्रसिद्ध हैं। माता सीता की गुरु विदुषी गार्गी थीं, जिनसे उन्हें वेद पुराणों का ज्ञान मिला। बचपन में शिव धनुष उठाने वाली सीता केवल वीर ही नहीं अपितु विद्वान भी थीं।
विदुषी मैत्रेयी
प्राचीन भारत की सबसे ज्ञानी स्त्रियों में विदुषी मैत्रेयी का भी नाम शामिल है। उन्हे पिता मित्र ऋषि थे, वहीं राजा जनक के महल में विदुषी गार्गी से शास्त्रार्थ करने वाले महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी भी थीं। बता दें महर्षि याज्ञवल्क्य पहली पत्नी भारद्वाज ऋषि की पुत्री कात्यायनी थीं। विदुषी मैत्रेयी शांत स्वभाव की स्त्री थीं, जिन्हें अध्ययन, चिंतन और शास्त्रार्थ में रुचि थी। जब ऋषि याज्ञवल्क्य ने गृहस्थ आश्रम छोड़कर वन में जाने का फैसला किया तो मैत्रेयी ने आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए पति संग जाने का फैसला लिया था।
द्रौपदी
महाभारत में पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी बहुत ज्ञानवान महिला थीं। वह जितनी सुंदर थीं, उतनी ही बुद्धिमान भी थीं। जब भी पांडव किसी फैसले को लेकर चिंतित होते या संकोच करते तो हमेशा द्रौपदी उन्हें सलाह देतीं।