नई दिल्ली : शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए, क्योंकि वह बहुत काम आ सकता है। अगर शादी पर किसी तरह का प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है, तो मैरिज सर्टिफिकेट कानूनी तौर पर शादी का सबूत होता है।
शादी दो लोगों का एक पवित्र बंधन है। इसमें दो लोग ही नहीं बल्कि दो परिवार भी आपस में मिलते हैं। सभी धार्मिक रीति रिवाजों से शादी प्रक्रिया पूरी होती है। भारत में शादी को लेकर अलग-अलग धर्म के हिसाब से कानून भी है। इसलिए हर किसी को शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए।
जानिए कहां आता है काम
शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए, क्योंकि वह बहुत काम आ सकता है। अगर शादी पर किसी तरह का प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है, तो मैरिज सर्टिफिकेट कानूनी तौर पर शादी का सबूत होता है। अगर कोई बैंक में ज्वाइंट अकाउंट खुलवाना चाहता है, तो ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट काम आ सकता है। इसके अलावा पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय भी मैरिज सर्टिफिकेट काम आ सकता है।
अगर आप शादी-शुदा हैं और किसी देश का आपको स्थायी तौर पर वीजा चाहिए, तो मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ सकती है। इसके साथ ही अगर आप इंश्योरेंस लेने की सोच रहे हैं, तो भी इसकी जरूरत हो सकती है। शादी के बाद अगर कोई महिला अपना नाम बदलना चाहती है, तो भी यह काम आता है। कई बार देखा जाता है कि शादी के बाद लोग एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट से कानूनी मदद मिल सकती है। यह लोगों को कानूनी अधिकार दिलाने में मददगार साबित होता है।
कैसे बनवा सकते हैं मैरिज सर्टिफिकेट?
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आप मैरिज रजिस्ट्रार के दफ्तर जाकर आवेदन कर सकते हैं। अगर आपके क्षेत्र में मैरिज रजिस्ट्रार का दफ्तर नहीं है, तो आप ग्राम अधिकारी के पास जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आॅनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पति-पत्नी की पासपोर्ट साइज फोटो, शादी के आयोजन की फोटो, शादी का कार्ड, पति-पत्नी के आईडी प्रूफ, पति-पत्नी के शपथपत्र और दो गवाहों के आईडी प्रूफ की जरूरत पड़ती है।






