नई दिल्ली : टी-20 विश्वकप क्रिकेट में रविवार को एक रोमांचक मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 6 रनों से हरा दिया। वहीं इस मैच को देखने पहुंचे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष अमोल काले का सोमवार को निधन हो गया। रविवार को वह स्टेडियम में MCA सचिव अजिंक्य नाइक और पदाधिकारी सूरज सामत के साथ मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ जिससे उनकी मौत हो गई। अमोल 47 वर्ष के थे।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। डॉक्टर कहते हैं, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही हृदय से संबंधित जानलेवा समस्याएं हैं पर दोनों में बहुत अंतर है। आइए इस बारे में समझते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अमर उजाला से एक बातचीत में दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ निरंजन हीरेमथ बताते हैं, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दो अलग-अलग समस्याएं हैं जिसे आमतौर पर एक ही मान लिया जाता है। कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ने या किसी कारणवश इसके अवरुद्ध होने के कारण दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ सकता है। इसमें तुरंत सीपीआर और अन्य उपायों की मदद से रोगी की जान बचाई जा सकती है। हालांकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय रक्त को पंप करना बंद ही कर देता है, इसे अधिक घातक माना जाता है।
हार्ट अटैक के बारे में जानिए
हृदय तक रक्त का संचार करने वाली धमनियों में किसी कारणवश रुकावट के कारण, दिल तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इनफ्रेक्शन की समस्या होती है।
धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण यह रुकावट हो सकती है। हार्ट अटैक में सीने में दर्द, दबाव-जकड़न जैसा महसूस हो सकता है। दर्द कुछ स्थितियों में कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े तक फैल जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के शिकार लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है। हार्ट अटैक के लक्षणों की समय रहते पहचान कर अगर रोगी को सीपीआर दे दिया जाए तो इससे जान बचाई जा सकती है।
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
वहीं हार्ट अटैक से अलग कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है। कुछ ही समय में मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है जिसके कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट का सामान्य कारण हृदय गति में आने वाली अनियमितता को माना जाता है। हृदय की विद्युत प्रणाली का ठीक से काम न करने के कारण ये समस्या हो सकती है। इस स्थिति में सीने में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कार्डियक अरेस्ट वाले 90 फीसदी लोगों को सीपीआर देने से भी लाभ नहीं मिल पाता है। ये अधिक जानलेवा स्थिति मानी जाती है।