नई दिल्ली : क्या आपको पता है कि पहली बार बजरंगबली और राजा राम की मुलाकात कहां हुई? वह स्थान कितना पूजनीय होगा, जहां प्रभु राम और हनुमान जी पहली बार मिले होंगे। उनके मिलन का वर्णन ही काफी रोचक है।
भारत में कई प्राचीन और विशाल हनुमान मंदिर है, जिनकी महिमा जग विख्यात है। सबसे बड़े और प्रमुख हनुमान मंदिरों में अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर का नाम आता है, जो भगवान राम की जन्मभूमि है और यहां उनके भक्त बजरंगबली जी विराजमान हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बार बजरंगबली और राजा राम की मुलाकात कहां हुई? वह स्थान कितना पूजनीय होगा, जहां प्रभु राम और हनुमान जी पहली बार मिले होंगे। उनके मिलन का वर्णन ही काफी रोचक है।
कहा जाता है कि जब प्रभु राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान पत्नी सीता को वन में खोज रहे थे, तब उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। हनुमान जी ब्राह्मण वेश में राजा सुग्रीव के कहने पर राम जी के पास गए थे, उनका परिचय लेने। प्रभु राम ने जब बताया कि वह अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र श्री राम हैं, तब जाकर हनुमान जी अपने असल रूप में आए और श्रीराम का हनुमान से मिलन हुआ। लेकिन प्रभु श्रीराम और हनुमान का मिलन कहां हुआ और क्या आप उस जगह पर जा सकते हैं, ये इस लेख में जान लीजिए।
कहां स्थित है राम-हनुमान मिलन का मंदिर
राम जी और हनुमान जी की पहली बार मुलाकात वर्तमान के कर्नाटक राज्य के हम्पी शहर में हुई थी। इस खूबसूरत हम्पी शहर में हनुमान और राम जी के मिलन स्थल पर अब एक भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण हो चुका है। मंदिर का नाम यंत्रोधरका हनुमान मंदिर है। यंत्रोधारका शब्द का अनुवाद है, ‘वह जिसने यंत्र धारण किया हो।’ पूरे भारत से पर्यटक व श्रद्धालु यहां आते हैं और इस स्थल की शक्ति और भव्यता को महसूस करते हैं।
यंत्रोधारका हनुमान मंदिर का इतिहास
मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर की स्थापना महान हिंदू ऋषि व्यास राज ने कराई थी। कहते हैं कि इसी स्थान पर व्यास राज रोजाना हनुमान जी की पूजा करते थे और कोयले से बजरंगबली जी की तस्वीर बनाते थे।
ऋषि के पूजा करने के बाद अपने आप तस्वीर मिट जाया करती थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने व्यास राज को दर्शन दिए और एक यंत्र के भीतर बजरंगबली जी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्देश दिया। रहस्यमय यंत्र के बीच बैठे भगवान हनुमान की यह प्रतिमा सभी ऊर्जा का स्त्रोत मानी जाती है।
मंदिर की खासियत
खास बात ये हैं कि आमतौर पर हनुमान जी द्रोणागिरी के साथ उड़ते या खड़े हुए दिखते हैं लेकिन इस मंदिर में वह एक यंत्र के अंदर अपने हाथों में कुछ लिए हुए बैठे हैं।
यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे
इस मंदिर को बंदर मंदिर भी कहते हैं। जो अंजनेया पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मंदिर एक गुफा के अंदर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 570 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हंपी तक पहुंचने के लिए रेल या बस से जा सकते हैं। बैंगलोर या मैसूर से निजी कार या टैक्सी से यहां पहुंचा जा सकता है।