नई दिल्ली : विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद ग्रामीण इलाकों की महिलाएं नौकरी के लिए शहर जाने से डर रही हैं। वेतन को लेकर उनकी उम्मीदें भी कम हुई हैं।
कोरोना काल का असर हर किसी के जीवन पर हुआ है। भले ही अब पैंडेमिक जैसे हालात नहीं लेकिन इसका असर अब भी लोगों के जीवन पर दिख रहा है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद ग्रामीण इलाकों की महिलाएं नौकरी के लिए शहर जाने से डर रही हैं। वेतन को लेकर उनकी उम्मीदें भी कम हुई हैं।
महिलाओं में नौकरी छूटने का डर बढ़ा
दरअसल, कोरोना के कारण महिलाओं में नौकरी छूटने का डर पहले से बढ़ गया है। वहीं महामारी ने महिलाओं में अनिश्चितता और सामाजिक सुरक्षा की कमी को भी जन्म दिया। उन में कोरोना के दोबारा आने की आशंका है, जिसकी वजह से वह अधिक वेतन नहीं मांग रही हैं।
महिलाओं के वेतन आकांक्षाओं में 25 फीसदी की गिरावट
इस रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की वेतन आकांक्षाओं में 25 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं पलायन की इच्छा में 65 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई और इसी कारण ग्रामीण महिलाओं में नौकरी के लिए दूसरे शहर जाने का अंतर 90 % तक कम हुआ है। चूंकि नौकरी के लिए दूसरे शहर न जाने के कारण पलायन में कमी आई और इसी वजह से महिलाओं की आय में भी कमी दर्ज की गई।
3180 महिलाओं पर विश्व बैंक का सर्वेक्षण
विश्व बैंक ने 3180 महिलाओं के सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट दी है। बता दें कि वर्ष 2020 में ही यूएन वुमन ने नए वैश्विक डाटा में यह संभावना जताई थी कि कोरोना महामारी के कारण लैंगिक समानता में हुई बढ़ोतरी के मामले 25 साल पुराने स्तर तक पिछड़ सकते हैं।