नई दिल्ली : पिछले दो साल से एपल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने फोन के साथ एडाप्टर देना ही बंद कर दिया है। ऐसे में यूजर्स को काफी परेशानी हो रही है। टाईप-सी पर इसलिए भी विचार हो रहा है क्योंकि तमाम कंपनियां अपने लैपटॉप और मोबाइल के साथ यही पोर्ट दे रही हैं।
यूरोपियन यूनियन की तरह ही भारत में भी अब एक तरह की डिवाइस के लिए एक ही तरह के चार्जर का इस्तेमाल होगा। यूरोपियन यूनियन में साल 2022 में यह कानून लागू हुआ था। अब भारत सरकार भी इस तरह के कानून को लागू करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 से भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल और टैबलेट में एक कॉमन टार्जर का इस्तेमाल होगा जो कि यूएसबी टाईप-सी होगा।
कहा जा रहा है कि यह कानून जून 2025 से प्रभावी हो जाएगी। खबर यह भी है कि देश में बिकने वाले सभी लैपटॉप में भी टाईप-सी पोर्ट ही मिलेगा। यह कानून फीचर फोन, ऑडियो प्रोडक्ट और वियरेबल प्रोडक्ट्स पर लागू नहीं होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय जल्द ही गैजेट कंपनियों के साथ इस मुद्दे पर एक आखिरी बात करने करने वाला है। यह नियम लैपटॉप पर भी लागू होगा, लेकिन लैपटॉप के लिए इसे साल 2026 में लागू किया जाएगा।
इस कानून को लागू करने के पीछे का बड़ा कारण इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करना है। इसके अलावा यूजर्स को भी सहूलियत होगी। उसे अलग-अलग गैजेट के लिए अलग-अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं होगी।
पिछले दो साल से एपल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने फोन के साथ एडाप्टर देना ही बंद कर दिया है। ऐसे में यूजर्स को काफी परेशानी हो रही है। टाईप-सी पर इसलिए भी विचार हो रहा है क्योंकि तमाम कंपनियां अपने लैपटॉप और मोबाइल के साथ यही पोर्ट दे रही हैं। एपल ने भी आईफोन के साथ टाईप-सी पोर्ट देना शुरू कर दिया है।