चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने अपने राज्य बजट के लोगो के रूप में आधिकारिक भारतीय रुपये के सिंबल ‘₹’ को तमिल अक्षर ‘ரூ’ से बदल दिया है. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही भाषाई बहस को और हवा मिली है. यह बदलाव सीएम एम के स्टालिन द्वारा राज्य बजट पेश किए जाने के पहले हुआ है.बता दें कि ऑफिशियल कम्युनिकेशन और डॉक्यूमेंटेशन में क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल विवाद का विषय रहा है, जिसमें डीएमके ने स्थानीय भाषाओं पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है. भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं और तमिल उनमें से एक है, लेकिन स्टैंडर्ड प्रैक्टिस के रूप में इंडियन करेंसी का केवल एक सिंबल है, जो देवनागरी अक्षर ‘र’ और रोमन अक्षर ‘R’ से प्रेरित है.14 मार्च को बजट पेश करेंगे स्टालिनस्टालिन 14 मार्च को वित्त वर्ष 26 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे.
इससे पहले उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दस्तावेज का लोगो दिखाया गया है. इस पर लिखा है ‘तमिलनाडु बजट 2025-26 सबके लिए सब कुछ’. इसमें स्टैंडर्ड रुपये के सिंबल के बजाय ரூ (‘रु’) अक्षर भी था, जो राज्य के 2024 के लोगो के विपरीत और बल्कि असामान्य कदम था.अन्नामलाई ने की आलोचनाभाजपा नेता के अन्नामलाई ने एम के स्टालिन के इस कदम की आलोचना की और उन्हें ‘मूर्खतापूर्ण’ बताया. उन्होंने कहा, 2025-26 के लिए डीएमके सरकार के बजट में रुपये के चिह्न बदल दिया गया है. इस डिजाइन को एक तमिल ने डिजाइन किया गया था. जिसे पूरे भारत ने अपनाया और हमारी मुद्रा में शामिल किया.
इस प्रतीक को डिजाइन करने वाले थिरु उदयकुमार, डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं. आप कितने मूर्ख हो सकते हैं, थिरु स्टालिन.”राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आलोचनाबता दें कि हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की तीखी आलोचना की और इसे तमिलनाडु की शैक्षिक आवश्यकताओं पर हिंदी को प्राथमिकता देने के लिए डिजाइन की गई ‘भगवा नीति’बताया था.स्टालिन की टिप्पणी इस चिंता को दर्शाती है कि एनईपी सेंटरलाइज भाषा एजेंडे को बढ़ावा देकर राज्य की शिक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है.