नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. इसके बाद 8वां वेतन आयोग अस्तित्व में आ जाएगा. हालांकि, अभी तक 8वें वेतन आयोग की डेट की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, केंद्र की ओर से अगले वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं की गई है.रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार अप्रैल 2025 तक 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार आयोग के चेयरमैन और दो अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा करेगी.
आयोग के गठन के बाद सिफारिशें लागू होने में लगभग एक साल का वक्त लग सकता है.आयोग के गठन के बाद फिटमेंट फैक्टर तय किया जाएगा. इसके आधार पर ही केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय की जाएगी. ऐसे में 8वें वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने के बीच कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर कमीशन के गठन में देरी होती है तो क्या होगा.8वें वेतन आयोग के गठन में देरी हुई तो क्या होगा?अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो चलिए आपको बतातें हैं कि अगर 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी हुई तो क्या होगा? बता दें कि ऐसी स्थिति में सरकार डीए में वृद्धि जारी रखेगी और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद DA शून्य हो जाएगा और नए वेतन स्लैब लागू हो जाएंगे.फिटमेंट फैक्टर तय करेगा आयोगइसके बाद जब भी आयोग का गठन होगा.
कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर तय किया जाएगा. आयोग 1.92, 2.08, 2.28 और 2.57 फिटमेंट फैक्टर में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकता है. माना जा रहा है कि पे कमीशन सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने के लिए 2.57 फिटमेंट फैक्टर का उपयोग कर सकता है.2.57 फिटमेंट फैक्टर पर कितनी बढ़ेगी सैलरी?अगर 8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने के लिए 2.57 फिटमेंट फैक्टर यूज करता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 18 हजार रुपये बढ़कर 46,260 रुपये हो जाएगी, जबकि मैक्सिमम सैलरी 2 लाख 50 हजार रुपये से 6 लाख 42 हजार रुपये हो जाएगी.