नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज पांचवां दिन है. संसद का कामकाज रेलवे और मणिपुर के बजट पर केंद्रित रहने की उम्मीद है. लोकसभा में जहां रेलवे की अनुदान की मांगों पर चर्चा होगी, वहीं राज्यसभा में मणिपुर बजट पर चर्चा हो सकती है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में मणिपुर बजट पर चर्चा का जवाब दे सकती हैं. जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा में रेलवे के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा का जवाब देंगे.रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान मनरेगा के मुद्दे पर बोलने वाली हैं. जबकि टीएमसी भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के लिए भारत रत्न की मांग का मुद्दा उठा सकती है.
पीएम मोदी के संबोधन पर प्रियंका की टिप्पणीलोकसभा में महाकुंभ 2025 पर पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह महाकुंभ पर आशावादी ढंग से बोल रहे थे. विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके (महाकुंभ) प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.)
लोकसभा की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगितलोकसभा 1 बजे तक के लिए स्थगित)अनेकता में एकता भारत की विशेषता: पीएम मोदीमहाकुंभ पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में जब बिखराव की स्थितियां बनी हैं, उस दौर में एकजुटता का ये विराट प्रदर्शन हमारी ताकत है. अनेकता में एकता भारत की विशेषता है, यह हम हमेशा कहते आए हैं और इसी के विराट रूप का अनुभव हमने प्रयागराज महाकुंभ में किया है. हमारा दायित्व है, अनेकता में एकता की इसी विशेषता को हम निरंतर समृद्ध करते रहें.
)महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ: PMलोकसभा में महाकुंभ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ. इसकी सफलता में लोगों का योगदान है. मैं देशभर के श्रद्धालुओं को, यूपी की जनता, विशेष रूप से प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हमने राष्ट्रीय चेतना के जागरण के दर्शन किए. दुनिया ने महाकुंभ के रूप में भारत का विराट स्वरूप देखा. दुनिया हमारी संस्कृति को आत्मसात कर रही है.पीएम ने कहा कि ये उमंग और उत्साह यहीं तक सीमित नहीं था. बीते सप्ताह मैं मॉरीशस में था, मैं त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था. जब उस पवित्र जल को मॉरीशस के गंगा तलाब में अर्पित किया गया, तब वहां श्रद्धा, आस्था और उत्सव का माहौल था, जो देखते ही बनता था. यह दिखाता है कि हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों को आत्मसात करने की भावना कितनी प्रबल हो रही है.
उन्होंने कहा कि देश के युवा श्रद्धाभाव से महाकुंभ जुड़े रहे. महाकुंभ से बहुत से अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है. महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा, जिसमें देश के हर क्षेत्र से, हर कोने से आए लोग एक हो गए. लोग मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे. जब अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं, तो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखती है, एकता की भावना बढ़ती है.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, परंपरा के साथ हम बड़े लक्ष्यों का होसिल कर सकते हैं. हमें नदी उत्सव की परंपरा को विस्तार देना होगा. नदी उत्सव से नदियों का संरक्षण होगा.वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद विपक्षी दलों के सांसदो ने लोकसभा में हंगामा किया.