रायपुर: खनिज के क्षेत्र में पारदर्शिता और लगातार हो रहे इनोवेशन से खनिज प्रबंधन और बिक्री में छत्तीसगढ़ राज्य लगातार आगे बढ़ रहा है. खनिज प्रबंधन में डिजिटल युग की नई शुरुआत होने से भी छत्तीसगढ़ खनिज विभाग को बड़े पैमाने पर फायदा मिल रहा है. अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक 11,581 करोड़ का खनिज राजस्व छत्तीसगढ़ अर्जित कर चुका है. आंकड़े बताते हैं कि 44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई नीलामी प्रदेश को बड़ा राजस्व मिला है. खनिज विभाग के मुताबिक देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है. इसके साथ ही दंतेवाड़ा के बैलाडीला क्षेत्र में 3 नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई नीलामी प्रक्रिया फिलहाल जारी है.खनिज राजस्व में दर्ज की गई ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी: जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हो चुकी है
. इसके साथ ही 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी भी दी गई है. राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं.राजस्व में 30 गुना वृद्धि: खनिज संसाधनों के बेहतर उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है. राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ तक पहुंच गया है. 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ का राजस्व अर्जित किया जा चुका है. अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल और डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी हो चुकी है.
राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन: भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक और सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी 2025 में की गई. इसके मुताबिक प्रदेश में विभाग की ओर से वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण/खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर काम किया जा रहा है.कोरबा के कटघोरा में लिथियम ब्लॉक: प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल और डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की जा चुकी है. देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्रवाई भारत सरकार द्वारा की गई है.
जिसके तहत जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है. राज्य के सुकमा और कोरबा जिले में भी लिथियम की खोज का काम किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है.
बैलाडीला लौह अयस्क: बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है. यहां 3 नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा करना है. इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में चल रही है.
पर्यावरण संतुलन के साथ खनन: पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की गई है. सैटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है. गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है. राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.
जिला खनिज संस्थान न्यास: खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है. जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई. इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवनस्तर में सुधार हो रहा है.
खनिज परियोजनाएं: सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में खोज का काम शुरू किया है. प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है. स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी
.यूरेनियम ब्लॉक: इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. और ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है. मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार खोजा गया है.
राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट: मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है. इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर काम किया जा रहा है
.खनिज के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ समृद्ध: प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है. कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है. राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है.
हरित क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आगे: खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है. आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा.