नई दिल्ली:- पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र ने बुधवार को महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की. इन उपायों में सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने से पाकिस्तानी नागरिकों को निलंबित करना शामिल है. इसके अलावा ऐसे वीजा पर वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पैनल को हमले और इसके संभावित सीमा पार संबंधों के बारे में जानकारी दी गई. विदेश मंत्रालय को मिली जानकारी के अनुसार,पाकिस्तानी नागरिकता रखने वाले व्यक्ति सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत की यात्रा करने के पात्र नहीं हैं.
पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा अब रद्द कर दिए गए हैं. SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा.
सार्क वीजा छूट योजना क्या है
29-31 दिसंबर 1988 को इस्लामाबाद में आयोजित चौथे सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण एशिया के नेताओं ने क्षेत्र के भीतर लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार किया. परिणामस्वरूप, उन्होंने कुछ गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक विशेष यात्रा दस्तावेज शुरू करने का फैसला किया, जो उन्हें सामान्य वीजा और अन्य यात्रा आवश्यकताओं से छूट देता है.
सार्क वीजा छूट योजना आधिकारिक तौर पर 1992 में शुरू की गई थी. यह यात्रा दस्तावेज, जिसे सार्क वीजा छूट स्टिकर के रूप में जाना जाता है, 24 स्पेसिफिक कैटेगरी के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. इनमें गणमान्य व्यक्ति, जज, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, बिजनेसमैन, पत्रकार और खेल हस्तियां शामिल हैं.
योजना के तहत योग्य व्यक्तियों को उनके संबंधित गृह देशों की ओर एक स्पेशल वीजा स्टिकर जारी किया जाता है, जिससे उन्हें अलग-अलग वीजा की जरूरत के बिना अन्य SAARC देशों में कई बार प्रवेश करने की अनुमति मिलती है. ये स्टिकर आम तौर पर एक साल के लिए वैध होता है.
इस योजना को प्रत्येक सदस्य राज्य के आव्रजन अधिकारियों द्वारा प्रशासित किया जाता है, इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने और किसी भी चुनौती का समाधान करने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाती है.
बिजनेस वीजा
केंद्र की ओर से 2015 में शेयर किए गए एक दस्तावेज के अनुसार दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों के नागरिक पांच साल तक की अवधि के लिए या स्पेसिफिक जरूरतों के आधार पर कम अवधि के लिए भारत के लिए बिजनेस वीजा के लिए पात्र हैं. हालांकि, यह नेपाल, भूटान और पाकिस्तान के नागरिकों पर लागू नहीं होता है.
नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत आने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं थी. पाकिस्तानी नागरिकों के मामले में केवल कुछ कैटेगरीज ही मल्टी-एंट्री बिजनेस वीजा के लिए पात्र थीं, जो अधिकतम एक साल की अवधि और भारत के भीतर 10 स्थानों तक सीमित थी.
सार्क देशों में श्रीलंका के नागरिक ई-पर्यटक वीजा सुविधा के पात्र थे.भारतीय नागरिकों को नेपाल और भूटान की यात्रा के लिए वीजe की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि अन्य सभी सार्क सदस्य देश भारतीय नागरिकों को बिजनेस वीजा की सुविधा प्रदान करते हैं.