विशेष संवाददाता
अखिलेश द्विवेदी
- पर्यावरणीय समस्याएं
फ्लाई ऐश प्रदूषण: नवंबर 2020 में, लारा थर्मल पावर स्टेशन के ऐश पॉन्ड से फ्लाई ऐश स्लरी का भारी रिसाव हुआ, जो आसपास के जल स्रोतों और कृषि भूमि में फैल गया। यह रिसाव ओडिशा की सीमा के पास स्थित क्षेत्रों में जल प्रदूषण की आशंका को बढ़ाता है ।
जल स्रोतों पर प्रभाव: फ्लाई ऐश के रिसाव से स्थानीय जल स्रोतों, जैसे कि नालों और तालाबों, में प्रदूषण की संभावना बढ़ गई है, जिससे पीने के पानी की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- श्रमिक सुरक्षा और दुर्घटनाएं
कार्यस्थल पर दुर्घटनाएं: फरवरी 2017 में, एक श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु के बाद, ठेका श्रमिकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, जिसमें पत्थरबाजी और हवाई फायरिंग की घटनाएं शामिल थीं ।
मानवाधिकार चिंताएं: एनटीपीसी पर श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लापरवाही के आरोप लगे हैं, जिससे कार्यस्थल पर गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं।
- भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास
भूमि अधिग्रहण में अनियमितताएं: रायगढ़ जिले में एनटीपीसी की रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसके चलते उच्च न्यायालय ने जांच के आदेश दिए हैं ।
पुनर्वास में असंतोष: परियोजना से प्रभावित नौ गांवों के लोगों ने पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए हैं, जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में बाधाएं आई हैं ।
- परियोजना में देरी
परियोजना का विलंब: लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की दोनों इकाइयों के संचालन में लगभग तीन वर्षों की देरी हुई, जिसे केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने स्वीकार किया। देरी के कारणों में कानून-व्यवस्था की समस्याएं, प्राकृतिक आपदाएं और COVID-19 महामारी शामिल हैं ।
- सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभाव
स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: स्थानीय निवासियों ने फ्लाई ऐश और धूल के कारण स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की है, जिसमें सांस की बीमारियां और त्वचा रोग शामिल हैं।
कृषि पर प्रभाव: प्रदूषण के कारण कृषि भूमि की उर्वरता में कमी आई है, जिससे किसानों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।