रायपुर :- छत्तीसगढ़ को मंगलवार को 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले. जिससे पिछले 18 महीनों में ऐसे प्रस्तावों का संचयी मूल्य 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. राज्य वाणिज्य और उद्योग विभाग द्वारा आयोजित ‘उद्योग संवाद 2’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में नवीनतम निवेश प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया गया. सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा, हरित ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स सहित विविध क्षेत्रों के लिए ये निवेश प्रस्ताव निवेशकों के बीच मजबूत और बढ़ते विश्वास को दर्शाते हैं.
नई औद्योगिक नीति का बड़ा असर : इस अवसर पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि निवेशकों को आज स्थिरता, सुरक्षा और त्वरित निर्णय लेने की सुविधा मिल रही है. बस्तर जैसे स्थान, जो कभी सुरक्षा पर केंद्रित थे, अब उद्योग, प्रौद्योगिकी और नौकरियों के केंद्र बन रहे हैं. यह प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक स्पष्ट कदम है. हाल ही में लागू की गई औद्योगिक नीति 2025 ने छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए एक स्वाभाविक गंतव्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस नीति की प्रमुख विशेषताओं में सिंगल-विंडो सिस्टम 2.0, 350 से अधिक सुधार, फास्ट-ट्रैक भूमि आवंटन, ऑटो-अनुमोदन तंत्र और महिला उद्यमियों, एससी/एसटी, तीसरे लिंग के व्यक्तियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विशेष प्रोत्साहन शामिल हैं.
SEZ देगा छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाईयां : औद्योगिक नीति के तहत, छत्तीसगढ़ का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) रायपुर के पास प्रस्तावित है, जिसमें आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.एसईजेड प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर, सब्सिडी वाली भूमि और त्वरित प्रशासनिक मंजूरी प्रदान करेगा .जिसे महत्वपूर्ण विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
बुनियादी सुविधाओं के साथ रोजगार पर जोर : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा दिया है और बस्तर तथा सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्रों को विरासत तथा पारिस्थितिकी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे, रोजगार तथा क्षेत्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर में 200 एकड़ के मेडिकल सिटी तथा 142 एकड़ के फार्मा हब जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक्स नीति 2025 की मुख्य विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला, जिसे सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी.
इस नीति का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स केंद्र में बदलना है, जिसमें आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बस्तर तथा सरगुजा सहित जिलों में सरकार लॉजिस्टिक्स पार्क, कोल्ड चेन, परिवहन केंद्र तथा एयर कार्गो सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है.सीएम ने कहा कि इन क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान तथा 40 प्रतिशत तक बुनियादी ढांचा सहायता मिलेगी. राज्य सरकार ने नक्सली खतरे को समाप्त करने में अपनी सफलता पर प्रकाश डाला. नक्सलवाद से मुक्त बस्तर अब शांति और प्रगति की नई कहानी लिख रहा है. पिछले 18 महीनों में, 435 कट्टर नक्सलियों को मार गिराया गया है, 1,457 ने आत्मसमर्पण किया है और 146 को गिरफ्तार किया गया है.
5 लाख रोजगार सृजित करना लक्ष्य : इस मौके सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति का लक्ष्य है अगले पांच वर्षों में 5 लाख से अधिक रोजगार सृजित करना. सीएम ने देश-विदेश के निवेशकों से छत्तीसगढ़ में निवेश करने का आह्वान किया.सीएम साय ने कहा कि ये प्रदेश अब भारत का नया ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में अग्रसर है.
इस मौके पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से निवेशकों को तेज, पारदर्शी और सरल स्वीकृति प्रक्रिया मिलेगी, जिससे छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य बनकर उभरेगा.
बदल रहा है बस्तर : नियाद नेल्लनार योजना (‘आपका अच्छा गांव’ योजना) के माध्यम से, दूरदराज के गांव अब सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ गए हैं. विशेष रूप से, बेलकापल्ली गांव को 77 वर्षों के बाद बिजली मिली है और खूंखार नक्सल कमांडर हिडमा के पैतृक गांव पुवर्ती तक सड़कें बनाई गई हैं. बुनियादी ढांचे के विकास के मोर्चे पर, छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सड़क निर्माण के लिए 2,000 करोड़ रुपये सहित 9,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन की कल्पना करते हुए, छत्तीसगढ़ हरित इस्पात उत्पादन, सौर ऊर्जा विस्तार और टिकाऊ औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रहा है.
क्या है सरकार का लक्ष्य : सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 5.68 करोड़ रुपये से बढ़ाना है. चालू वित्त वर्ष के अंत तक 2024-25 में 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 6.35 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.राज्य की 7.5 प्रतिशत की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर बनी हुई है.