मध्यप्रदेश:– दूध बच्चों के लिए एक संपूर्ण आहार माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, विटामिन B12, पोटैशियम और फॉस्फोरस जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो उनके हड्डियों के विकास, दिमाग की कार्यक्षमता और संपूर्ण शारीरिक वृद्धि के लिए जरूरी हैं.
हालांकि, कई बार बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं. ऐसे में माता-पिता को स्मार्ट तरीके अपनाने चाहिए ताकि बच्चे न केवल दूध पिएं, बल्कि उसका स्वाद भी पसंद करें.
बच्चों को दूध पिलाने के स्मार्ट तरीके
- फ्लेवर वाला दूध दें: दूध में नेचुरल फ्लेवर मिलाएं जैसे केसर, इलायची या हल्दी. बाजार में मिलने वाले फ्लेवरिंग पाउडर जैसे चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, बनाना आदि का सीमित मात्रा में उपयोग किया जा सकता है.
- दूध को मजेदार बनाएं: दूध को स्मूदी, शेक या खीर के रूप में दें. फलों के साथ मिलाकर फ्रूट मिल्कशेक बनाएं.
- खुद भी दूध पिएं: बच्चे माता-पिता की नकल करते हैं. अगर आप खुद रोज़ दूध पिएंगे तो बच्चा भी प्रोत्साहित होगा.
- रूटीन बनाएं: हर रोज एक तय समय पर दूध देना शुरू करें, जिससे यह आदत में शामिल हो जाए.
- क्रिएटिव सर्विंग: दूध को रंगीन स्ट्रॉ, मजेदार कप या कार्टून थीम वाले मग में दें, जिससे बच्चे आकर्षित हों.
- कहानी या खेल के साथ दूध देना: दूध पिलाते समय कहानी सुनाना या कोई छोटा सा खेल खेलना बच्चे को उत्साहित कर सकता है.
- हेल्दी विकल्प: अगर बच्चा डेयरी दूध नहीं पीता है तो आप सोया मिल्क, बादाम मिल्क या ओट्स मिल्क जैसे विकल्प आज़मा सकते हैं, पर ध्यान रखें कि उनमें भी कैल्शियम और विटामिन D मौजूद हो.
बच्चों को रोजाना कितना दूध देना चाहिए?
1-3 साल के बच्चे – लगभग 2 कप (500 मिलीलीटर) दूध
4-8 साल के बच्चे – 2.5 कप (600 मिलीलीटर) दूध
9 साल से ऊपर – 3 कप (700-750 मिलीलीटर) दूध।