छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाला रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे (Raipur–Visakhapatnam Expressway) अब प्रदेश के विकास की नई पहचान बनने जा रहा है। लगभग 464 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड छह-लेन एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है, जिसकी कुल लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस परियोजना से न केवल तीन राज्यों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि छत्तीसगढ़ के उद्योग, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी नई संभावनाएँ खुलेंगी।इस एक्सप्रेसवे का निर्माण नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जा रहा है और इसे 2026 के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना का आरंभिक बिंदु नया रायपुर (अटल नगर) है और यह मार्ग ओडिशा के नबरंगपुर, कोरापुट होते हुए आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तक जाएगा। इससे रायपुर से विशाखापत्तनम की दूरी लगभग 250 किलोमीटर कम हो जाएगी, और जहाँ अभी यह यात्रा 12 घंटे में पूरी होती है, वहीं एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह केवल 6 घंटे में संभव होगी।यह सड़क पूरी तरह से “ग्रीन एक्सप्रेसवे” की अवधारणा पर आधारित है, जिसमें पर्यावरणीय संतुलन और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सड़क के दोनों ओर लाखों पेड़ लगाए जा रहे हैं और आधुनिक सोलर-लाइटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, वाइल्डलाइफ-पैसेज, रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और ईको-फ्रेंडली ड्रेनेज स्ट्रक्चर जैसी व्यवस्थाएँ भी की जा रही हैं, ताकि यह मार्ग पर्यावरण के अनुकूल रहे।आर्थिक दृष्टि से यह परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए बहुत लाभदायक मानी जा रही है। इस एक्सप्रेसवे से रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और धमतरी जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों को दक्षिण भारत के बंदरगाहों से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे न केवल व्यापारिक लागत घटेगी बल्कि उद्योगों को निर्यात और कच्चे माल की आवाजाही में बड़ी सुविधा होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस मार्ग के बनने से राज्य के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 30% तक सुधार होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक्सप्रेसवे एक बड़ा कदम है। इस मार्ग से गुजरते हुए यात्री ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कई ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों तक आसानी से पहुँच पाएंगे — जैसे चित्रकोट झरना, सिरपुर, बस्तर, और कोरापुट घाटी। सरकार की योजना है कि एक्सप्रेसवे के आसपास इको-टूरिज्म पॉइंट्स, फूड प्लाज़ा और सुरक्षित विश्राम क्षेत्र बनाए जाएँ, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक और आनंददायक यात्रा अनुभव मिले।राज्य सरकार का कहना है कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ को “इंडिया का सेंट्रल लॉजिस्टिक्स हब” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं ने कहा, “रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे हमारे राज्य के आर्थिक विकास की रीढ़ साबित होगा। यह सिर्फ़ सड़क नहीं है, बल्कि तीन राज्यों को जोड़ने वाली जीवनरेखा है जो उद्योग, पर्यटन और रोज़गार के नए द्वार खोलेगी।”वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे “भारत का अगला ग्रोथ कॉरिडोर” बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे न केवल सड़क संपर्क बल्कि ‘डिजिटल और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर’ का आदर्श उदाहरण होगा। इसमें नवीनतम सेफ्टी सेंसर, ट्रैफिक-मैनेजमेंट कैमरे और ड्रोन-निगरानी सिस्टम भी लगाए जाएंगे ताकि यात्रा सुरक्षित और सुगम रहे।कुल मिलाकर, रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़ के लिए एक गेम-चेंजर परियोजना साबित हो सकती है। यह न सिर्फ़ यात्रा समय घटाएगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था, व्यापार और पर्यटन को नई उड़ान देगा। आने वाले वर्षों में जब यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बनकर तैयार होगा, तो यह छत्तीसगढ़ को देश के प्रमुख विकास-राज्यों की सूची में और ऊपर पहुँचा देगा।—






