छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हाल ही में राज्य विधानसभा को एक नए और अत्याधुनिक भवन में स्थानांतरित किया गया है, जिसे “हरित विधानसभा भवन (Green Assembly Building)” नाम दिया गया है। यह भवन नया रायपुर (अटल नगर) में स्थित है और इसे देश की सबसे उन्नत और पर्यावरण-अनुकूल विधानसभा इमारतों में से एक माना जा रहा है। इसका उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं ने संयुक्त रूप से किया।इस मौके पर ओम बिड़ला ने कहा कि “छत्तीसगढ़ विधानसभा ने पिछले 25 वर्षों में लोकतांत्रिक गरिमा, शालीनता और संवाद की संस्कृति को बनाए रखा है। यह नया भवन राज्य की लोकतांत्रिक परंपरा को और सशक्त करेगा।” उन्होंने कहा कि यह भवन सिर्फ़ एक प्रशासनिक ढांचा नहीं, बल्कि “लोकतंत्र का मंदिर” है, जहाँ जनता की आवाज़ को दिशा मिलती है।भवन की बनावट और आधुनिक सुविधाएँनया विधानसभा भवन लगभग 100 एकड़ भूमि पर फैला है और इसे पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कला और आधुनिक स्थापत्य के मिश्रण से बनाया गया है। इसके मुख्य द्वार की आकृति अशोक चक्र से प्रेरित है, जो एकता और प्रगति का प्रतीक है। अंदरूनी डिजाइन में बस्तर और सरगुजा की आदिवासी कला को खूबसूरती से शामिल किया गया है।इस भवन में सौर ऊर्जा प्रणाली, वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) और स्वचालित कचरा प्रबंधन प्रणाली लगाई गई है। इसके अलावा, पूरे परिसर में स्मार्ट-एलईडी लाइटिंग और ग्रीन वॉल्स का उपयोग किया गया है जिससे बिजली की खपत कम होती है और भवन का तापमान प्राकृतिक रूप से संतुलित रहता है।भवन में एक साथ 250 से अधिक विधायकों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त, मीडिया गैलरी, डिजिटल वोटिंग सिस्टम, लाइव टेली-कास्ट स्टूडियो, और पूर्ण रूप से स्वचालित रिकॉर्डिंग सिस्टम भी मौजूद हैं। इससे विधानसभा की कार्यवाही अब पहले से ज्यादा पारदर्शी और सुलभ हो गई है। हरित भवन की अवधारणा का महत्व“ग्रीन बिल्डिंग” का विचार इस भवन की सबसे खास विशेषता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे ‘कार्बन-न्यूट्रल बिल्डिंग’ के रूप में विकसित किया है, जहाँ ऊर्जा की खपत कम से कम हो और अधिकतम नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग किया जाए। भवन की छतों पर लगे सोलर पैनल इसकी कुल बिजली आवश्यकता का लगभग 60% हिस्सा स्वयं उत्पन्न करते हैं।इसके अलावा, विधानसभा परिसर के आसपास 10 हज़ार से अधिक पौधे लगाए गए हैं और जल निकासी प्रणाली को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बारिश का पानी पुनः उपयोग के लिए संग्रहीत हो सके। यह पहल “हरित छत्तीसगढ़ मिशन” के तहत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। लोकतंत्र का नया प्रतीकमुख्यमंत्री विष्णु देव साईं ने इस मौके पर कहा कि यह नया भवन छत्तीसगढ़ के विकास और स्थिर लोकतंत्र की पहचान बनेगा। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि यह भवन जनता की उम्मीदों का प्रतीक बने, जहाँ हर निर्णय पारदर्शी और जवाबदेह हो।”विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस भवन के डिज़ाइन में न केवल तकनीकी उन्नति है बल्कि इसमें छत्तीसगढ़ की आत्मा भी बसती है — “यह इमारत हमारी संस्कृति, पर्यावरण और लोकतंत्र का संतुलित संगम है। राज्य के लिए दीर्घकालिक लाभइस भवन के बनने से न केवल शासन-प्रशासन की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। यह एक ऐसा उदाहरण है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए भी पर्यावरण संरक्षण संभव है।






