रायपुर, 12 दिसंबर 2025 — छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से जारी बिजली कटौती को समाप्त करने की घोषणा की और ‘सौर ऊर्जा ग्रामीण वितरण योजना’ की शुरुआत की। यह पहल राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर और सतत ऊर्जा सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कदम न केवल किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए राहत प्रदान करेगा, बल्कि राज्य के विकास को भी एक नई दिशा देगा।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में लगभग 50 नई सोलर पैनल आधारित विद्युत संयंत्रों का निर्माण किया है। इन संयंत्रों के माध्यम से अब लगभग 1 लाख ग्रामीण परिवारों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है और इसे अगले दो साल में पूरे राज्य में लागू करने की योजना है।मुख्यमंत्री साय ने यह भी कहा कि इस योजना से किसानों को विशेष लाभ मिलेगा, क्योंकि अब वे अपने खेतों में सिंचाई के लिए पानी पंप चलाने में किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करेंगे। छोटे व्यवसाय और स्थानीय उद्योग भी अब नियमित बिजली आपूर्ति से मजबूत होंगे। इसके अलावा, योजना में ऊर्जा की बचत और पर्यावरण की सुरक्षा के उपायों को भी शामिल किया गया है।सरकारी अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सोलर पैनल और बैटरी सिस्टम का संचालन स्थानीय युवाओं द्वारा प्रशिक्षण के बाद किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और ऊर्जा प्रणाली की रखरखाव क्षमता स्थानीय स्तर पर विकसित होगी।स्थानीय नागरिकों ने इस योजना का स्वागत किया और कहा कि अब बिजली कटौती के कारण पैदा होने वाली असुविधा समाप्त होगी। किसान और छोटे व्यवसायी यह मान रहे हैं कि यह कदम उनके जीवन को सहज और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगा।विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल न केवल राज्य के ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भर और टिकाऊ राज्य बनाने में भी मदद करेगी। साथ ही, यह योजना देश के ग्रीन एनर्जी मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी योगदान देगी।





