प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेस्ट और टेक्नोलॉजी का फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा । इस अवसर पर पीएम मोदी ने स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को बीज पूंजी सहायता भी देने की शुरुआत की. पीएम मोदी की ओर से दी गई इस सहायता से एसएचजी को बेहतर पैकेजिंग और गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट के जरिये बाजार में बेहतर दाम हासिल करने में मदद मिलेगी. पीएम मोदी ने वर्ल्ड फूड इंडिया- 2023 के हिस्से के रूप में फूड स्ट्रीट का भी उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने दिल्ली में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के उद्घाटन पर 1 लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी सहायता के वितरण की प्रक्रिया भी शुरू की. उन्होंने कहा कि टेस्ट और टेक्नोलॉजी का ये फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा, एक नई इकोनॉमी को गति प्रदान करेगा. आज की बदलती हुई दुनिया में 21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फ़ूड सिक्योरिटी भी है. इसलिए वर्ल्ड फूड इंडिया का ये आयोजन और भी अहम हो गया है।
इसमें क्षेत्रीय व्यंजन और शाही खानपान की विरासत को दिखाया जाएगा. इसमें 200 से अधिक शेफ हिस्सा लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे, जिससे लोगों को बेहतरीन भोजन कला का अनुभव होगा. ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में सामने रखना और 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाना भी है. यह कार्यक्रम सरकारी संस्थाओं, उद्योग के पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों को चर्चा में शामिल होने, साझेदारी स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक नेटवर्किंग और व्यापार मंच प्रदान करेगा।
खाद्य क्षेत्र में निवेश और कारोबार शुरू करने में आसानी पर फोकस के साथ इस कार्यक्रम में सीईओ गोलमेज बैठकें होंगी.भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नवाचार और उसके सामर्थ्य को सामने रखने के लिए विभिन्न मंडप बनाए जाएंगे. इस कार्यक्रम में वित्तीय सशक्तिकरण, गुणवत्ता आश्वासन और मशीनरी तथा प्रौद्योगिकी में नवाचारों पर जोर देने के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 48 सत्र आयोजित किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों की मेजबानी करने की तैयारी है. इसमें 80 से अधिक देशों के 1200 से अधिक विदेशी खरीदार आएंगे. इसके साथ ही इसमें एक रिवर्स बायर-सेलर मीट की भी सुविधा होगी।
इस आयोजन में नीदरलैंड भागीदार देश के रूप में काम करेगा, जबकि जापान इस आयोजन का फोकस देश होगा. भारत में ऐसे आयोजनों से भारतीय इकोनॉमी को एक नया बूस्ट मिलेगा ।