भोपाल:- समय के साथ शादी से जुड़े कई तौर-तरीके बदलते जा रहे हैं। इसका महत्व लोगों की जिंदगी में ना के बराबर रह गया है। आपसी सहमति से इस पवित्र बंधन में बंधने वाले कपल भी ज्यादा दिनों तक इस रिश्ते की जिम्मेदारी का उठाने में खुद को असमर्थ पाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? यदि आपका जवाब ‘नहीं’ है तो यह लेख आपके लिए है।
यहां आप इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की जीवनसंगिनी और मोटिवेशनल स्पीकर, राइटर सुधा मूर्ति से इसके बारे में आसान भाषा में समझ सकते हैं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में मॉडर्न समय में बदलते रिश्ते और शादी पर अपने विचारों को इतने सुंदर ढंग से रखा है कि आप इससे सहमत हुए या इसके बारे में सोचे बिना खुद को नहीं रोक सकते हैं।
सुधा मूर्ति ने रिश्तों पर बात करते हुए बताया कि कैसे धीरे-धीरे समाज से ऐसे रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं, जो आने वाली जनरेशन के लिए प्रेरणा बने। उन्होंने कहा कि आजकल ज्यादा शादियां सिर्फ पैसे के आधार पर हो रही है और पैसे या जरूरतों पर आधारित शादियां लंबे समय तक नहीं चल सकती।
क्योंकि पैसा होने पर जो दो पल की खुशियां मिलती है वह पैसा खत्म होते ही दुख में बदल जाती है। ऐसे में शादी का आधार नहीं बच पाता है जो कपल के अलग होने का मुख्य कारण बन जाती है।
दो लोगों में प्यार का आधार प्रेम होना चाहिए। जिनके जीवन में प्रेम सबसे ज्यादा जरूरी होता है, वह साथ में जीवन में आने वाली किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। उनके लिए पैसा कम हो या ज्यादा मायने नहीं रखता है।
सुधा मूर्ति कहती हैं कि जीवनसाथी के बीच आपसी प्रेम के साथ सम्मान होना बहुत ही जरूरी है, तभी शादी जैसा रिश्ता निभाया जा सकता है। इसलिए सुख हो या दुख, गरीबी हो या अमीरी.. एक-दूसरे का सम्मान करें, एक-दूसरे से प्यार करें। क्योंकि अच्छा-बुरा समय आता जाता रहता है लेकिन कर्म कभी खत्म नहीं होता है।