रायपुर:– छत्तीसगढ़ के कांकेर से इस वक्त की एक बड़ी खबर सूत्रों का दावा उत्तर बस्तर से 50 से अधिक नक्सली जल्दी ही कर सकते हैं आत्मसमर्पण, इसमें शामिल हो सकता है 40 लाख का ईनामी नक्सली रामधेर, महला कैंप में समर्पण करने की चर्चा, अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बता दें कि देश के कई राज्यों, खासकर छत्तीसगढ़ के लिए नक्सलवाद हमेशा से चिंता और बहस का मुद्दा रहा है लेकिन अब नक्सलवाद के अंत की तारीख को लेकर भी बहस बढ़ती जा रही है सरकार बार-बार दोहरा रही है कि 2026 के मार्च तक नक्सलियों का सफाया तय है तो विपक्ष के नेता रह-रह कर दावे को खारिज करने नए-नए तर्क सामने रख रहे हैं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, नक्सवाद के खात्म की ‘डेडलाइन कोई तय नहीं कर सकता’…क्यों, आपको बताते हैं।
पूर्व सीएम ने सरकार के संकल्प पर सवाल उठाया
दिल्ली से लेकर रायपुर तक छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार इन दिनों नक्सलवाद के खात्मे का दावा कर रही है उसे यकीन है कि 31 मार्च 2026 से पहले बस्तर और छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सलमुक्त हो जाएगा हाल के दिनों में जिस तरह से बड़े और इनामी कमांडर और नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है उसके बाद बीजेपी नेता यही कह रहे हैं डेडलाइन से पहले ही नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा लेकिन भूपेश बघेल ऐसा नहीं मानते उनके मुताबिक नक्सलियों की रणनीति है वो कुछ दिन शांत रहेंगे, फिर बड़ा हमला करेंगे पूर्व सीएम ने सरकार के संकल्प पर सवाल उठाया तो सत्तापक्ष की तरफ से जवाब कैसे नहीं आता डिप्टी सीेएम अरुण साव ने कहा कि बस्तर जल्द नक्सलमुक्त होगा थोड़ा इंतजार करे
जाहिर है कुछ दिन पहले ही भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार की आत्मसमर्पण नीतियों का स्वागत किया था खैर हाल के दिनों में नक्सलफ्रंट पर जो घटा सारे संकेत कहते हैं कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में नक्सली बैकफुट पर हैं। बड़े नक्सल लीडर्स का सरेंडर सरकार के दावे को पुख्ता करता है लेकिन कांग्रेस नेता शुरू से ही नक्सलवाद खात्मे की डेडलाइन की तारीख पर सवाल उठाते रहे हैं।






