छत्तीसगढ़ 8 नवंबर 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने आज राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रायगढ़ जिले में देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plant) शुरू किया। इस परियोजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया, जबकि इस मौके पर ऊर्जा मंत्री ताम्रध्वज साहू, जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ को “हरित ऊर्जा (Green Energy)” के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाएगी। उन्होंने बताया कि यह संयंत्र 1000 मेगावाट (MW) बिजली उत्पादन करने की क्षमता रखता है और इससे करीब 15 लाख घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी।इस परियोजना को छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (CREDA) ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल (PPP) के तहत विकसित किया है। इसकी कुल लागत लगभग ₹6,200 करोड़ बताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संयंत्र राज्य के बिजली उत्पादन में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगा।मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ न केवल कोयले का भंडार है, बल्कि अब यह सौर ऊर्जा का भी केंद्र बनेगा। हमारा लक्ष्य आने वाले तीन वर्षों में 50% ऊर्जा उत्पादन को अक्षय स्रोतों से प्राप्त करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट से स्थानीय युवाओं को सीधे 3,000 और परोक्ष रूप से 10,000 रोजगार के अवसर मिलेंगे।रायगढ़ जिले के खरसिया और सारंगढ़ ब्लॉक के बीच लगभग 2500 एकड़ भूमि पर बने इस सोलर पार्क में 20 लाख से अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं। परियोजना में अत्याधुनिक तकनीक जैसे “ट्रैकिंग सोलर पैनल सिस्टम” और “क्लाउड बेस्ड मॉनिटरिंग” का उपयोग किया गया है। इससे बिजली उत्पादन मौसम के अनुसार स्वतः नियंत्रित रहेगा।परियोजना के संचालन का जिम्मा एक संयुक्त कंपनी — “सूर्य छत्तीसगढ़ लिमिटेड” को दिया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस संयंत्र से प्रतिवर्ष लगभग 18 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने भी इस प्रोजेक्ट को देश का “मॉडल ग्रीन एनर्जी हब” घोषित किया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आने वाले समय में इसी मॉडल को झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाएगा।इस मौके पर स्थानीय ग्रामीणों में भी उत्साह देखा गया। ग्रामवासी आशा देवी ने कहा, “पहले यह इलाका सूखा रहता था, लेकिन अब यहां विकास की नई किरण आई है।”कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह परियोजना सिर्फ बिजली उत्पादन नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष राज्य में “छत्तीसगढ़ ग्रीन मिशन 2026” शुरू किया जाएगा, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में छोटे सोलर प्लांट लगाए जाएंगे।






