कोरबा:- ट्रांसपोर्ट नगर वार्ड 13 पार्षद रितु चौरसिया ने महापौर की जाति को लेकर बार-बार अपील की और हार नहीं मानी नतीजन जाति प्रमाण पत्र शून्य घोषित कर दिया गया है महापौर के जाति प्रमाण पत्र को लेकर भाजपा पार्षद ऋतू चौरसिया ने आरोप लगाया था जिस पर संज्ञान लेते हुए अनुभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा द्वारा अंतिम जांच होने तक जाति प्रमाण पत्र पर रोक लगा दी गई है।
राजकिशोर प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय जांच समिति ने निलंबित कर दिया है और उच्च संचनालय एवं सदस्य सचिव उच्च स्तरीय छानबीन समिति को प्रेषित कर दिया है क्योंकि महापौर पद एवं वार्ड 14 पार्षद पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था जिस पर राज किशोर महापौर निर्वाचित हुए थे जो कलेक्टर को शिकायत की गई थी अपने लाभ के लिए उपयोग नहीं कर सकेंगे जो महापौर द्वारा,चुनाव के वक्त प्रस्तुत किया गया जाति प्रमाण पत्र शुन्य घोषित कर दिया गया है।
न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी राजस्व द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित है,कि तहसीलदार कोरबा द्वारा पांच दिसंबर 2019 को अनुमोदित अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को प्रथम दृष्ट्या संदेहास्पद एवं कपट पूर्वक प्राप्त करने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम जांच होने तक निलंबित करने तथा अनावेदक द्वारा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए उपयोग नहीं किए जाने संबंधी आदेश जारी करने के निर्देश सक्षम अधिकारी को दिया गया है।
उक्त आदेश के तहत राजकिशोर प्रसाद द्वारा अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को किसी भी प्रकार के हितलाभ के लिए उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि नगर निगम कोरबा में महापौर चुनाव के समय से ही वर्तमान महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति का मुद्दा बना हुआ था जिस पर भाजपा पार्षद रितु चौरसिया द्वारा लगातार आपत्ति लगाई जा रही थी ।
अब देखना होगा की जाति प्रमाण पत्र पर रोक लगाई गई है तो महापौर राजकिशोर प्रसाद अपने पद पर बने रहते हैं या कोरबा नगर निगम भी कांग्रेस के हाथ से छिन जाएगी।