नई दिल्ली : अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आकाश में सितारे अपना सौंदर्य बिखेरने वाले हैं।पांच सितंबर की सुबह बुध ग्रह क्षितिज के ऊपर अपने उच्चतम बिंदु पर होगा जो बहुत चमकदार और देर तक नजर आएगा।
इस वर्ष सितंबर के महीने की शुरुआत से लगातार अनोखी खगोलीय घटनाओं की शृंखला शुरू हो रही है। अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आकाश में सितारे अपना सौंदर्य बिखेरने वाले हैं।पांच सितंबर की सुबह बुध ग्रह क्षितिज के ऊपर अपने उच्चतम बिंदु पर होगा जो बहुत चमकदार और देर तक नजर आएगा।
माह की सबसे आकर्षक खगोलीय घटना आठ सितंबर को होगी, जब शनि ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब होगा और पूरी रात नजर आएगा। इस रात साधारण दूरबीन से टाइटन सहित इसके छह चांद और आकर्षक छल्ले भी देखे जा सकेंगे। इसके बाद 18 सितंबर को चांद पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होगा सुपरमून दिखेगा। इस रात चांद लगभग आठ फीसदी बड़ा और 14 फीसदी अधिक चमकीला दिखाई देगा।
50 करोड़ किमी घट जाएगी शनि से दूरी
आठ सितंबर को जब शनि ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब आएगा तो पृथ्वी से इसकी दूरी 1.2 अरब किमी होगी जो शनि और पृथ्वी के बीच की सर्वाधिक दूरी 1.7 अरब किमी से 50 करोड़ किमी कम है। इसी प्रकार चंद्रमा की पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी 4,05,000 किमी होती है, जबकि 18 सितंबर को सुपरमून पृथ्वी से लगभग 3,59,000 किमी दूर होगा। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान से जुड़े रहे खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडे ने बताया कि इस बार चंद्रमा सुपरमून है, लेकिन बीते माह की तरह ब्लू मून भी होने का दुर्लभ संयोग नहीं है।
20 को पृथ्वी के करीब होगा वरुण ग्रह
18 सितंबर को आंशिक चंद्रग्रहण होगा, जो भारत में तो नहीं लेकिन उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। 20 सितंबर को सुदूरवर्ती ग्रह वरुण पृथ्वी के सबसे करीब होगा और पूरी रात दिखाई देगा। 22 सितंबर को विषुव संक्रांति पर सूर्य सीधे भूमध्य रेखा पर चमकेगा और इस रोज दुनियाभर में दिन और रात लगभग बराबर अवधि के होंगे।
वरुण ग्रह और पृथ्वी सूर्य के एक ही तरफ निकटतम होने पर केवल 4.3 अरब किमी दूर होते हैं, लेकिन जब ग्रह सूर्य के विपरीत दिशा में होते हैं तो वे 4.7 अरब किमी दूर हो जाते हैं।