कोरबा:- छत्तीसगढ़ का सबसे मुख्य औद्योगिक शहर माना जाने वाले कोरबा का कन्वेंशन हॉल इन दिनों सुर्खियों में है. यहां के रिसदी रोड में 17 करोड़ की लागत से बने रानी अहिल्याबाई कन्वेंशन हॉल का सीलिंग बीते दिनों ढह गया था. सीलिंग ढहने के मामले में हाउसिंग बोर्ड के दो इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है.
कन्वेंशन हॉल का सीलिंग गिरने पर एक्शन: इस मामले में चूक कहां हुई, निर्माण के गुणवत्ता में कहां लापरवाही बरती गई. इसके लिए जांच के आदेश भी दिए गए हैं.सस्पेंड कर दोनों इंजीनियर को आयुक्त छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल रायपुर में जगदलपुर में अटैच कर दिया है.
जून में उद्घाटन और जुलाई में गिरा सिलिंग: ठीक 1 महीने पहले विगत 12 जून को राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल कन्वेंशन हॉल का उद्घाटन स्वयं सीएम विष्णु देव साय ने किया था किया था.अब एक महीने के भीतर ही जुलाई में इस कन्वेंशन हॉल की सीलिंग भरभराकर गिर गई है.जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं.कन्वेंशन हॉल का नामकरण रानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर सीएम ने ही किया था.
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त का आदेश: कोरबा जिला अपर आयुक्त, छत्तीसगढ़ के निर्माण मंडल बिलासपुर के अधीन है. अपर आयुक्त द्वारा प्रेषित पत्र के आधार पर ही कार्यपालन अभियंता(सिविल) आरके दंदेलिया और सहायक अभियंता(सिविल) कांशी प्रकाश पैकरा को सस्पेंड कर दिया गया है. सस्पेंशन ऑर्डर में उल्लेख किया है कि 11 जुलाई को पत्र के माध्यम से पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर कन्वेंशन हॉल में फॉल्स सीलिंग के गिरने के संबंध में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है.
फॉल सीलिंग का गिरना गंभीर तकनीकी खामी: इस जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि भवन का निर्माण 23 अप्रैल 2024 को पूर्ण किया गया है और 8 जुलाई 2025 को अल्प समय में फॉल सीलिंग का गिरना गंभीर तकनीकी खामी और गुणवत्ता में कमी को प्रमाणित करता है.इतने महत्वपूर्ण भवन की एक बड़े भाग की फॉल्स सीलिंग के गिरने से मंडल के छवि धूमिल हुई है. जिसमें प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर अन्य दोनों इंजीनियर को निलंबित किया जाता है.रायपुर स्थित गृह निर्माण मंडल के मुख्यालय स्तर से ही जांच टीम का गठन कर इस मामले में आगे की जांच को पूरा किया जाएगा.वर्तमान में की गई कार्रवाई प्रथम दृष्टया तौर पर लापरवाही की वजह से की गई है.
सीएम ने की वेंटिलेशन और एसी लगाने की थी घोषणा :सीएम विष्णु देव साय 12 जून को जब इस कन्वेंशन हॉल का उद्घाटन करने कोरबा आए थे.तब उन्होंने कहा था कि यह हॉल जनता को समर्पित किया जा रहा है.लोकार्पण के समय उन्होंने कन्वेंशन हॉल में वेंटिलेशन की जरूरत महसूस की एक और इसकी व्यवस्था के लिए अलग से राशि स्वीकृत करने की बात भी उन्होंने कही थी. हॉल में वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं है.कहीं भी पंखे और एसी की व्यवस्था भी नहीं की गई है.इस खामी को सीएम ने महसूस किया था और वेंटिलेशन के साथ एसी लगाने के लिए अलग से राशि स्वीकृत करने की घोषणा की थी.हॉल में यह काम शुरू होता, इसके पहले ही इसकी सीलिंग का हिस्सा बुरी तरह से ढह गया है.
हॉल की उपयोगिता पर उठ रहे सवाल: खनिज न्यास मद से होने वाले कार्यों और उनकी उपयोगिता पर हमेशा से ही सवालिया निशान उठते रहे हैं.इस हॉल का निर्माण भी खनिज न्यास फंड से ही किया गया था.फिलहाल कन्वेंशन हॉल का लगभग 30 फ़ीसदी सीलिंग का हिस्सा पूरी तरह से जमीन पर गिर गया है.हॉल की बनावट और इसकी छत काफी फैली हुई है.इतने बड़े हॉल में फॉल सीलिंग लगाए जाने से पहले भी जानकारों ने सवाल उठाए थे.कन्वेंशन हॉल के ऊपर का हिस्सा टीन की शीट से ढका हुआ है.इस टीन की शीट के नीचे भीतर की तरफ फॉल सीलिंग लगाया गया था.
कब शुरू हुआ था कन्वेंशन हॉल का निर्माण ?: इस कन्वेंशन हॉल का निर्माण लगभग वर्ष 2016-17 में शुरू हुआ था. तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद के कार्यकाल में इसकी परिकल्पना की गई और निर्माण कार्य शुरू हुआ था.जहां लगभग 2000 लोगों के एक साथ मौजूद रहने की व्यवस्था है.अब इतने बड़े निर्माण कार्य और इस कन्वेंशन हॉल की उपयोगिता और जरूरत पर भी सवाल उठ रहे हैं.यह एक बड़ा सवाल है कि जिस हॉल के निर्माण में इतनी भारी भरकम राशि खर्च की गई है. उसकी उपयोगिता किस तरह से सार्थक होगी.