रायपुर:- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के तपकरा में चरण पादुका वितरण योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे. मुख्यमंत्री इस मौके पर तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को चरण पादुका वितरित करेंगे.
चरण पादुका योजना के लिए 40 करोड़ की स्वीकृति: छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किये जाने का वादा किया था.जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है.यह योजना सीधे-सीधे राज्य के 12 लाख 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को लाभ पहुंचाएगी. जिन्हें चरण पादुका का निःशुल्क वितरण किया जाएगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा “हमारी सरकार की प्राथमिकता हमेशा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक न्याय और सुविधा पहुंचाना है. तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का राज्य की अर्थव्यवस्था और वनोपज आधारित आजीविका में अमूल्य योगदान है. चरण पादुका योजना हमारे संकल्प पत्र का वादा था, जिसे हम पूरा करने जा रहे हैं. यह सिर्फ चरण पादुका का वितरण नहीं, बल्कि संग्राहक परिवार के स्वाभिमान और सुरक्षा का प्रतीक है.”
सीएम ने आगे कहा-“चरण पादुका वितरण योजना की शुरुआत इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की आवश्यकता, सम्मान और गरिमा का ध्यान रख रही है. इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार की महिलाओं को सम्मान देना है, बल्कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने वाली संग्राहक महिलाओं की सुविधा सुनिश्चित करना भी है.”
745 करोड़ रुपये की तेंदूपत्ता खरीदी: प्रदेश में इस साल तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम अप्रैल महीने से शुरू हुआ ता जो अब सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है.राज्य की 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में संग्रहण का काम किया गया. हालांकि इस वर्ष असमय वर्षा, तूफान और ओलावृष्टि के कारण फसल प्रभावित हुई, इसके बावजूद 11.40 लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों ने अपनी लगन और मेहनत से 13.54 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण और फड़ों में विक्रय किया. जिसका कुल क्रय मूल्य 745 करोड़ रुपये हैं. इस राशि का भुगतान संग्राहकों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से उनके बैंक खातों में किया जा रहा है. अब तक 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे संग्राहकों के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है, शेष राशि के भुगतान की प्रक्रिया जारी है.