रायपुर:- छत्तीसगढ़ में विकास की कई योजनाओं को लगातार जगह मिल रही है.इसमें छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के सफाये और विकास योजना को धरातल पर लाने का काम हो रहा है. बस्तर के विकास को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों तेजी से कम कर रही है और इसी कड़ी में 30 जून दिल्ली में सहकारिता मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे.छत्तीसगढ़ को विकास की डगर पर ले जाने के लिए नक्सली को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकल्प लिया है.
जिसमें 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सली का सफाया कर देना है.इसमें सबसे ज्यादा नक्सली का एरिया छत्तीसगढ़ में पड़ता है और जो इलाका नक्सल प्रभावित है, विकास में सबसे ज्यादा उपेक्षित भी वही है. हालांकि सहकारिता के क्षेत्र से यहां के विकास के लिए कई बड़ी योजनाओं पर काम करने की चर्चा हुई है. छत्तीसगढ़ में इस संदर्भ में आगे बढ़कर बहुत कुछ किया भी है माना जा रहा है. अब 30 जून को होने वाली इस बैठक में छत्तीसगढ़ खास तौर से बस्तर के खाते में कुछ-कुछ बड़ी सौगात जरूर आएगी.
16 दिसंबर 2024 को हुआ था बड़ा एलान:
16 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ सहकारिता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है उन्होंने कहा था कि यहां का पर्यावरण अच्छा है जमीन की उर्वरक शक्ति मजबूत है और यहां का वन उपज जो बहुत कम कीमत पर बिकता है इसे भी अच्छी कीमत पर बेचने के लिए काम किया जाएगा.
30 जून 2025 को होगी सहकारिता मंत्रियों की बैठक: 30 जून को सहकारिता मंत्रियों की होने वाली छत्तीसगढ़ अपनी तैयारी लेकर जाएगा, लेकिन अमित शाह ने छत्तीसगढ़ को जो करने के लिए कहा है वह निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ के लिए बहुत बड़ी सौगात है.अमित शाह ने 16 दिसंबर 2024 को यह कहा था छत्तीसगढ़ के धान उत्पादन को बदलकर धन को भारत ब्रांड के जरिए बेचने की कोशिश करनी. चाहिए छत्तीसगढ़ के किसान धान की खेती भारत के ब्रांड के उद्देश्य के साथ करें तो उन्हें फायदा होगा.
आर्गेनिक खेती के क्षेत्र में मिल सकती है सौगात:
अमित शाह ने उस दौरान कहा था कि अगर ऑर्गेनिक तरीके से खेती किया जाए तो निश्चित तौर पर इसकी अच्छी कीमत मिलेगी. अब सहकारिता को लेकर के बैठक हो रही है जिसमें भारत सरकार उत्पादों को कैसे और बेहतर कर सकती है राज्यों से क्या उसे और सहयोग मिल सकता है. उम्मीद की जा रही है कि 30 जून की होने वाली बैठक के बाद छत्तीसगढ़ को कुछ और बेहतर लाभ मिलेगा.
डेयरी से नक्सलवाद को मिटाने का टास्क:
16 दिसंबर 2024 को केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि छत्तीसगढ़ को नक्सली मुक्त बनाने में डेयरी का अहम योगदान है. अमित शाह ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के सभी गांव में देरी को ऑपरेटिव बनाने की जरूरत है. जिस टारगेट के तहत छत्तीसगढ़ की सरकार काम कर रही है उसमें और तेजी से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि गुजरात में डेयरी कोऑपरेटिव ने कमाल किया यहां की महिलाओं ने डेयरी उद्योग को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की है.
अमित शाह ने कहा था कि यह छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है. छत्तीसगढ़ की सरकार ने 5 लाख लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा है. जिसे और बढ़ाने की जरूरत है. 16 दिसंबर 2024 को अमित शाह ने कहा था कि छत्तीसगढ़ की दूध उत्पादक सहकारिता समितियां को मजबूत करना होगा और इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ को पैसे की किसी तरह की कमी नहीं होनी दी जाएगी. जिस भी तरह की सहायता छत्तीसगढ़ को चाहिए सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए जो भी सहयोग की जरूरत होगी दिया जाएगा. अब 30 जून को होने वाली बैठक में निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ अपनी बात वहां ले जाकर रखेगा.
सहकारिता के क्षेत्र में हुआ था करार:
सहकारिता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आगे बढ़े इसके लिए 16 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ छत्तीसगढ़ सरकार का समझौता भी हुआ था. सहकारिता के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए दोनों संस्थाओं ने संकल्प लिया था. इसके लिए अमित शाह ने कहा था कि इस उद्देश्य से इसे किया जाए कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के वैसे सुदूर गांव जहां पर हम लोगों के बीच रोजगार पैदा कर सकते हैं उसे करने की जरूरत है.
सहकारिता के विकास पर होगा मंथन:
30 जून को दिल्ली में होने वाली बैठक में 2 लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां की स्थापना जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी. इसमें भी छत्तीसगढ़ की भूमिका अहम है. इस क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ में अपार अवसर है और यहां भी छत्तीसगढ़ अपनी बात रखेगा. राज्य और राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं राजकीय सहकारी निर्यात लिमिटेड राष्ट्रीय सरकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड और भारतीय बीच सहकारी समिति लिमिटेड की राज्यों में क्या भूमिका और भागीदारी है इस पर भी चर्चा होगी.साथ ही श्वेत क्रांति 20 में भारत के डेयरी क्षेत्र में स्टेबिलिटी की अवधारणाओं पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए कैसे आगे बढ़ा जाए यह भी अहम मुद्दों में है.
बस्तर के लिए वरदान बनेगा सहकारिता:
30 जून को दिल्ली में होने वाली सरकारी समिति की बैठक में निश्चित तौर पर बेहतर संबंध में के साथ काम करने की जी योजना को अंतिम रूप देने की बात कही जा रही है. वह चाहे जिस रूप में सामने आती है छत्तीसगढ़ और बस्तर के लिए वह वरदान साबित होगी. क्योंकि विकास के जितने पहलू अभी बस्तर में हैं और जिन पहलुओं पर बस्तर में काम करना है. जिसमें लगभग सभी अछूते हैं.अब देखना यह है कि 30 जून को छत्तीसगढ़ का सहकारिता विभाग भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय से छत्तीसगढ़ के विकास की कौन सी सौगात लेकर वापस लौटता है.