छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य क्रांति — ”रायपुर, 8 नवंबर 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने आज राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देते हुए “मुख्यमंत्री जन आरोग्य मिशन 2.0” की शुरुआत की। इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में किया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी, डॉक्टरों, नर्सों और बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति रही।मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस योजना का उद्देश्य “हर घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाना” है। उन्होंने बताया कि नई योजना के तहत राज्य के 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को पूरी तरह मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके लिए सरकार ने पहले चरण में ₹2,800 करोड़ का बजट तय किया है।योजना की मुख्य विशेषताएँइस योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रति वर्ष ₹10 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इसमें हृदय रोग, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियाँ शामिल हैं। मरीज सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। सभी लाभार्थियों को डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें उनकी मेडिकल हिस्ट्री और इलाज का रिकॉर्ड रहेगा।इसके अलावा सरकार ने यह घोषणा की कि राज्य के 10 जिलों में “टेलीमेडिसिन केंद्र” खोले जाएंगे, ताकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी विशेषज्ञ डॉक्टरों से वीडियो कॉल के जरिए परामर्श ले सकें।मुख्यमंत्री ने कहा —>“हमारा लक्ष्य केवल इलाज नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की गारंटी देना है। यह योजना गरीबों के चेहरे पर मुस्कान और सुरक्षा का भाव लाएगी।”चिकित्सा ढांचे में सुधारस्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने बताया कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में 300 से अधिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का उन्नयन किया गया है। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर 24 घंटे आपातकालीन एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होगी। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति तेजी से की जा रही है।उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2026 तक हर जिले में एक “मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल” स्थापित किया जाएगा। इन अस्पतालों में मुफ्त जांच और दवा वितरण की व्यवस्था होगी। जनता की प्रतिक्रियाएँरायपुर निवासी शिवकुमार साहू, जो अपने पिता के इलाज के लिए आए थे, ने कहा, “पहले इलाज का खर्च उठाना मुश्किल था, लेकिन अब सरकार की योजना से हमें बड़ी राहत मिली है।” वहीं छात्रा स्मिता तिवारी ने कहा, “यह योजना हमारे राज्य की असली जरूरत थी। अब स्वास्थ्य सबके अधिकार में आ गया है।”






