मध्यप्रदेश:– दिवाली का त्योहार बच्चों के लिए खुशी और उमंग लेकर आता है, लेकिन इसके साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी होती हैं, खासकर पैरेंट्स के लिए. पटाखों से होने वाली दुर्घटनाएं अक्सर लापरवाही या जानकारी की कमी के कारण होती हैं. इसलिए जरूरी है कि दिवाली की खुशी में सुरक्षा को नजरअंदाज न किया जाए. यहां कुछ जरूरी सावधानियां दी गई हैं, जिन्हें पैरेंट्स को बच्चों के साथ पटाखे जलाते समय जरूर अपनाना चाहिए.
- बच्चों को अकेला न छोड़ें: कभी भी बच्चों को पटाखे जलाने के लिए अकेला न छोड़ें. हमेशा किसी वयस्क की निगरानी में ही पटाखे जलाने दें.
- सुरक्षा के उपकरण पास रखें: पानी की बाल्टी, बालू या अग्निशमन यंत्र पास रखें. जले हुए पटाखों को तुरंत पानी में डाल दें.
- सही कपड़े पहनाएं: बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं, न कि सिंथेटिक या नायलॉन. ढीले कपड़े या दुपट्टे आदि से बचें, जो आग पकड़ सकते हैं.
- कम आवाज और पर्यावरण के अनुकूल पटाखों का इस्तेमाल करें: ‘ग्रीन क्रैकर्स’ या कम आवाज़ वाले पटाखों को प्राथमिकता दें. इससे पर्यावरण और बच्चों दोनों की सेहत सुरक्षित रहती है.
- पटाखे जलाने की सही जगह चुनें: खुले मैदान या आंगन में पटाखे जलाएं. कभी भी बंद कमरे, गाड़ी के पास या बिजली की तारों के नीचे पटाखे न जलाएं.
- बच्चों को पटाखों के सही इस्तेमाल की जानकारी दें: उन्हें समझाएं कि फुलझड़ी, चक्री या अनार कैसे जलाते हैं. जलते पटाखों को न छुएं और न ही उनके पास जाएं.
- आंखों और कानों की सुरक्षा करें: बच्चों को सुरक्षा चश्मा और कानों के लिए ईयरप्लग्स पहनाएं. तेज आवाज और चिंगारी से उनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है.
- पटाखों से खेलने या दूसरों पर फेंकने से रोकें: यह न केवल खतरनाक है, बल्कि गैरकानूनी भी हो सकता है।