पालतू जानवरों और इंसानों के बीच प्रेम तो अक्सर देखने को मिलता है. मगर ये कभी-कभार ही देखने को मिलता है कि कोई जानवर इंसान के अंतिम समय में भी उसे याद करे और परिवार की तरह अपनी भावनाएं प्रकट करे. अभी इसी तरह का एक नजारा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दो वक्त की रोटी देने वाले व्यक्ति से एक बंदर का लगाव इतना बढ़ गया कि उसके निधन के बाद वह भी गम में डूब गया. बंदर ना सिर्फ अर्थी के पास दिनभर बैठा रहा, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए तिगरी तक गया. वाहन में रखी अर्थी से लिपट कर जोया से तिगरी धाम तक पहुंचा. बंदर के इस प्रेम को देख कर लोग भी आश्चर्य चकित हो रहे थे।
मामला कस्बा जोया के मोहल्ला जाटव कालोनी का है. यहां पर वृद्ध रामकुंवर सिंह का परिवार रहता है. गत दो महीना से एक बंदर उनके पास आकर बैठ जाता था. रामकुंवर सिंह उसे खाने के लिए रोटी दे देते थे. बंदर का उनके पास प्रतिदिन का आना हो गया. वह उनके पास आकर बैठता और खाना खाने के बाद भी काफी देर तक उनके साथ खेलता रहता था. अब मंगलवार सुबह अचानक रामकुंवर का निधन हो गया. रोजाना की तरह बंदर खाने के लिए वहां पहुंचा मगर देखा कि बुजुर्ग का निधन हो गया है. वहां लोगों की भीड़ जुटी हुई थी. बंदर ने जाकर अर्थी देखी तो उसके पास ही जाकर बैठ गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदर की आंखों में आंसू भी थे. वह काफी देर तक चिता के पास ही बैठा रहा और उसके आस-पास ही घूमता रहा. इतना ही नहीं जब परिजनों ने तिगरी धाम ले जाने के लिए अर्थी डीसीएम में रखी तो बंदर भी डीसीएम में सवार हो गया. जोया से तिगरी धाम तक वह अर्थी से लिपटा रहा.वहां अंतिम संस्कार होने तक चिता के पास ही मौजूद रहा और वापस लोगों के साथ जोया लौट आया. बंदर बुधवार को भी रामकुंवर के घर ही मौजूद रहा. हैरत की बात यह है कि उसने मंगलवार को भी कुछ नहीं खाया. बुधवार दोपहर रामकुंवर के परिजनों ने भोजन दिया तो कुछ खाना खाया।