नई दिल्ली : कोझीकोड के छात्रों का एक समूह नगर निगम के लिए गार्बेज कलेक्शन के लिए ई-वाहनों को एसेंबल करने में जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। जानें पूरी डिटेल्स।
केरल के कोझीकोड शहर में जल्द ही छात्रों द्वारा तैयार किए गए इलेक्ट्रिक वाहन नजर आएंगे, जिनका इस्तेमाल कचरा प्रबंधन के लिए किया जाएगा। कोझीकोड के छात्रों का एक समूह नगर निगम के लिए गार्बेज कलेक्शन के लिए ई-वाहनों को एसेंबल करने में जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। इस परियोजना के जरिए, कोझीकोड के वेस्ट हिल स्थित सरकारी पॉलिटेक्निक के छात्र सार्वजनिक जगहों से कचरा संग्रह के तरीके में क्रांति लाने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे यह ज्यादा पर्यावरण अनुकूल और कुशल हो सके।
यह परियोजना शहरी कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता की दोहरी चुनौतियों को संबोधित करने के अपने इनोवेटिव नजरिए के लिए सुर्खियों में है। परियोजना का समन्वय कर रहे सरकारी पॉलिटेक्निक के संकाय सदस्य सरथचंद्रबाबू टी एस ने बताया कि विभिन्न इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लगभग 40 चुने गए छात्र ई-वाहनों के निर्माण के लिए इस परियोजना में काम कर रहे हैं।
यह परियोजना “इंडस्ट्री ऑन कैंपस” योजना के तहत केरल सरकार और एक्सोन कंपनी के सहयोग से चलाई जा रही है। सरथचंद्रबाबू ने बताया कि छात्र शहर में कूड़ा इकट्ठा करने के लिए 30 इलेक्ट्रिक वाहनों को असेंबल कर रहे हैं। दूसरे चरण में, छात्र 40 और इलेक्ट्रिक वाहन तैयार कर कोझीकोड निगम को सौंपेंगे।
कोझीकोड निगम के एक अधिकारी ने कहा, “कचरा संग्रह के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करके, शहर निगम न सिर्फ अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है। बल्कि अन्य नगर पालिकाओं के लिए भी एक मिसाल कायम कर रहा है। छात्र संकाय सदस्यों और उद्योग विशेषज्ञों के सहयोग से अथक मेहनत कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इकट्ठा किए गए रिक्शे उच्चतम सुरक्षा, दक्षता और स्थायित्व के मानकों को पूरा करते हैं।”
पॉलिटेक्निक के छात्रों और शहर निगम के इस मिले-जुले प्रयास में शिक्षा जगत और स्थानीय शासन के बीच सहजीवी संबंधों की झलक मिलती है। यह न सिर्फ छात्रों को उनके सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहार में लागू करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देता है। बल्कि शहर को एक महत्वपूर्ण शहरी चुनौती के लिए एक लागत-प्रभावी और टिकाऊ समाधान भी उपलब्ध कराता है।
यह पहल न सिर्फ पॉलिटेक्निक के छात्रों की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करती है। बल्कि दबावी पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करने में युवा पीढ़ी को शामिल करने के महत्व को भी रेखांकित करती है। यह हमारे शहरों के लिए ज्यादा टिकाऊ भविष्य के निर्माण में शिक्षा और इनोवेशन की ताकत का प्रमाण है।