नई दिल्ली : कैंसर वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। हर साल कई प्रकार के कैंसर के कारण दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। फेफड़े, पेट और स्तन कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। किडनी का कैंसर भी तेजी से उभरता बड़ा खतरा है, जिसके मामले सभी उम्र के लोगों में देखे जा रहे हैं।
वैश्विक कैंसर संस्थानों का अनुमान है कि हर साल किडनी कैंसर के 400,000 नए मामले सामने आते हैं और 1.75 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। साल 2020 में कैंसर के करीब 4.30 लाख से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए।
किडनी कैंसर का खतरा वैसे तो बुजुर्गों में अधिक होता है, पर वयस्क भी इसके शिकार हो सकते हैं। किशोरों में किडनी कैंसर होना दुर्लभ है, हालांकि सिकल सेल रोग जैसी स्थितियों के कारण कम उम्र के लोगों में भी इस कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को किडनी कैंसर के लक्षणों को जानना और इससे बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है।
किडनी कैंसर और इसका खतरा
किडनी में कैंसर क्यों होता है, डॉक्टर इस बारे में बहुत स्पष्ट नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है किडनी कैंसर तब शुरू होता है जब कुछ कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होने लगता है।
इसके अलावा जीवनशैली के कई जोखिम कारकों को लेकर भी सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए उम्र बढ़ने के साथ किडनी में कैंसर विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा जो लोग धूम्रपान करते हैं या फिर मोटापे के शिकार हैं उनमें भी किडनी कैंसर विकसित हो सकता है।
अगर आपके परिवार में पहले से किसी को किडनी का कैंसर रहा है तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
ऐसे जोखिम कारकों को लेकर रहें सावधान
कुछ जोखिम कारक आपमें किडनी कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
अमेरिकन कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च रक्तचाप की अनियंत्रित स्थिति से किडनी से संबंधित कई प्रकार का बीमारियों सहित किडनी के कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जो लोग क्रोनिक किडनी फेलियर के इलाज के लिए लंबे समय तक डायलिसिस करवा रहे हैं, उनमें भी किडनी कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है। जीवनशैली के कई कारक जैसे धूम्रपान, मोटापा और आहार से संबंधित गड़बड़ियों के कारण भी आपमें किडनी कैंसर होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
ऐसे लक्षणों को लेकर रहें खास सावधान
किडनी कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई भी लक्षण या संकेत नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि समय के साथ इसके लक्षण बढ़ते जाते हैं।
किडनी कैंसर के कारण आपके मूत्र का रंग खूनी, गुलाबी या कोला रंग का दिखाई देता है। इसके अलावा आपकी पीठ या बगल में अक्सर दर्द बना रहता है, भूख न लगती हो, बिना किसी प्रयास के वजन कम हो रहा होता है और अक्सर थकान-बुखार बनी रहती है तो ऐसे लक्षणों को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। समय रहते इन संकेतों पर ध्यान देना और इसका इलाज प्राप्त करना जरूरी है।
किडनी के कैंसर से कैसे बचें?
जीवनशैली और आहार में कुछ प्रकार के बदलाव करके किडनी के कैंसर से बचाव किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ सामान्य प्रयासों की मदद से भी किडनी कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ दें। धूम्रपान से दूरी बनाकर किडनी के कैंसर सहित किडनी की कई अन्य बीमारियों के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए प्रयास करना भी जरूरी है। यदि आप अधिक वजन वाले या मोटापे के शिकार हैं तो हर दिन कैलोरी इंटेक कम करें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करके भी वजन कम करने में मदद मिल सकती है।