रायपुर:- मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार को छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और किसानी से जुड़े हरेली तिहार का पारंपरिक उल्लास के साथ आयोजन किया गया. ग्रामीण परिवेश की सजावट के बीच यह आयोजन राज्य की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करता नजर आया. हरेली के मौके पर कृषि यंत्रों, हल-बैलों और खेतों की पूजा कर किसानों ने भी प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया.
“हरेली हमारी आत्मा का उत्सव”: इस अवसर पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि किसानों की समृद्धि और उनकी मेहनत को सम्मान देना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हरेली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति और किसान जीवन से जुड़ा हमारी आत्मा का उत्सव है.बस्तर से सरगुजा तक हरेली के अपने-अपने रंग हैं, पर भावना एक है , प्रकृति से जुड़ाव और आभार. हमें भी प्रकृति और धरती माता का संवेदनशीलता से संरक्षण करना चाहिए.
सरकार ने किसानों के हित में ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी और प्रति एकड़ 21 क्विंटल की सीमा जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. हमने साल 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए सरकार के विजन डॉक्यूमेंट को तैयार किया है- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
प्रदेशवासियों को सीएम ने दी शुभकामनाएं: इस दौरान पत्रकारों चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिछले वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी हरेली पर्व मनाया जा रहा है. विधि विधान के साथ पूजा पाठ किया गया है. गौशाला से गोबर की माला आई है. इस दौरान साय ने कहा कि बचपन वे गेड़ी चढ़ते थे.
यह त्योहार हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है. यह पर्व आस्था, परंपरा और किसान संस्कृति का उत्सव है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ किसानों के लिए क्रांतिकारी योजनाएं लागू कर रहा है. अब तक 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में गई है, यह देश में अभूतपूर्व है- डॉ रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़
हरेली तिहार के कार्यक्रम में कई मंत्री रहे मौजूद: हरेली तिहार के इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री रामविचार नेताम मौजूद रहे. इनके अलावा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित कई विधायक, निगम-मंडल अध्यक्ष और आम लोग भी शामिल रहे.