मध्यप्रदेश:- नए लोगों से बात करने में झिझकना बच्चों में बहुत सामान्य बात है. अधिकांश बच्चे शुरुआत में ही नए लोगों से मिलने या बात करने से कतराते हैं. लेकिन इसे सामान्य माना जाना चाहिए.कई बार बच्चे अपने शर्मीले व्यवहार या फिर अनजान वातावरण में खुद को सुरक्षित न महसूस कर पाने की वजह से ऐसा व्यवहार करते हैं. ऐसे में माता-पिता और अभिभावकों को बच्चों को सही टिप्स देने चाहिए.
बच्चों को शिष्टचार सिखाएं : बच्चों को हमेशा नमस्ते और धन्यवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करने के लिए सिखाना चाहिए. जब वे किसी बड़े व्यक्ति से बात करें तो
बच्चों को शिष्टचार सिखाएं : बच्चों को हमेशा नमस्ते और धन्यवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करने के लिए सिखाना चाहिए. जब वे किसी बड़े व्यक्ति से बात करें तो “आप” शब्द का प्रयोग करें. इससे बड़ों का सम्मान होता है.
कम्युनिकेशन स्किल्स सिखाएं : बच्चों से बातचीत करते समय आंखों में आंखें डालकर बात करें. इससे उन्हें भी सीख मिलती है. बच्चों से पूछें कि उनका दिन कैसा रहा. उनकी बातचीत में रुचि लें. बच्चों के सवालों का धैर्यपूर्वक जवाब दें. उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दें.
खुद को एक्सप्रेस करना सिखाए : बच्चों को खुद को सही तरीके से एक्सप्रेस करना जरूरी है. इसके लिए माता-पिता को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए. बच्चों को सही शब्दों का चुनाव करके अपनी बात रखना सिखाएं, जिससे वे अपनी इच्छाएं और भावनाएं स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकें.बच्चों से कहें कि वे डरें नहीं, खुल कर अपनी राय दें.
खुद को एक्सप्रेस करना सिखाए : बच्चों को खुद को सही तरीके से एक्सप्रेस करना जरूरी है. इसके लिए माता-पिता को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए. बच्चों को सही शब्दों का चुनाव करके अपनी बात रखना सिखाएं, जिससे वे अपनी इच्छाएं और भावनाएं स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकें.बच्चों से कहें कि वे डरें नहीं, खुल कर अपनी राय दें.
बच्चों को दृढ़ रहना सिखाना: बच्चों को दृढ़ रहना बहुत ज़रूरी है. लेकिन बच्चों को आक्रामकता और अपनी बात पर अडिग रहने में अंतर समझाएं. होती. बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएं ताकि वे सही मौके पर अपनी बात दृढ़ता से कह सकें.




