गत कई दिनों से चले आ रहे नीलकंठम कंपनी के आई सी आई सी आई बैंक विवाद में आज एक नया मोड़ आया जब यह जानकारी मिली कि अनुज राणा की रिट याचिका क्र 5510/ 2025 में उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में ICICI बैंक को जवाब देना है, मामले में यह प्रकाश में आया है कि, कुछ ICICI बैंक के बड़े अधिकारियों द्वारा HSCL कंपनी के अधिकारियों मिलीभगत कर के सन २०२३ से उनकी कंपनी नीलकंठम के ५० लाख रुपए दबा लिए गए थे और लगभग १० करोड़ CC लिमिट पर मिलीभगत कर के ICICI बैंक के कुछ बड़े अधिकारियों द्वारा नीलकंठम को दरकिनार करते हुए दूसरी corporate अकाउंट होल्डर कंपनी को फायदा भी पहुंचाया गया था। जिससे नीलकंठम कंपनी के चालू प्रोजेक्ट को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
इससे पहिले कोरबा सिविल कोर्ट द्वारा मामला ०४/२०२५ द्वारा पहिले ही ICICI बैंक के Managing Director को नोटिस जारी हो चुका है एवम NCLAT Delhi में contempt की एप्लीकेशन भी पेंडिंग है ।
उच्च न्यायालय में अनुज राणा की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजकमल सिंह, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं संदीप श्रीवास्तव एवं सूर्यप्रताप युद्धवीर सिंह तथा भारत सरकार तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से उप महान्यायवादी श्री रमाकांत मिश्रा और icici बैंक की ओर से शर्मा उपस्थिति हुए ।
इस मामले की पैरवी अनुज राणा की ओर से कोरबा के प्रतिष्ठित अधिवक्ता तथा छत्तीसगढ़ राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य श्री अशोक तिवारी तथा श्री सुरेश सिंह कर रहे हैं ।
बताया गया है कि, अनुज राणा द्वारा ICICI बैंक के अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक अभियोजन की कार्यवाही शुरू की गई है ।






