नई दिल्ली : तनाव-चिंता जैसे मानसिक विकारों का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नकारात्मक परिस्थितियों में इस तरह की दिक्कतें होना स्वाभाविक है, पर अगर स्ट्रेस लंबे समय तक बनी रहती है तो इसके कारण डिप्रेशन जैसी गंभीर स्थितियां विकसित हो सकती हैं। इन सबके बीच क्या आप जानते हैं कि जिन लोगों को अक्सर स्ट्रेस की दिक्कत बनी रहती है उनमें मोटापे का खतरा, स्ट्रेस न लेने वालों की तुलना में अधिक देखा जाता है, यानी कि शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए जरूर है कि आप मानसिक तनाव को कम करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं स्ट्रेस, आपमें मोटापा बढ़ाने के साथ इसके कारण होने वाली अन्य बीमारियों के जोखिमों को भी दोगुना कर सकती है। जैसे तनाव के कारण वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही ये स्थिति आपमें मधुमेह-हृदय रोग का भी कारण हो सकती है।
पर बड़ा सवाल ये है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का शरीर की सेहत पर क्यों और किस प्रकार से असर होता है, आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
तनाव के कारण होने वाली समस्याएं
अध्ययनकर्ता बताते हैं, अक्सर बने रहने वाले तनाव से शरीर में कई प्रकार के रासायनिक और हार्मोनल परिवर्तन होने लगते हैं जिससे वजन बढ़ सकता है। कुछ लोगों के लिए, वजन बढ़ना और अधिक तनाव का कारण बन सकता है।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, क्रोनिक तनाव की स्थिति मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। तनाव की स्थिति में आप अधिक खाने लगते हैं, इसके अलावा ये नींद बाधित कर देती है, शारीरिक निष्क्रियता बढ़ जाती है जिसके कारण भी वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।
स्ट्र्रेस हार्मोन से मोटापे का जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जब कोई व्यक्ति तनाव का अनुभव करता है, तो उसका शरीर स्ट्र्रेस हार्मोन- कोर्टिसोल रिलीज करना शुरू कर देता है। कोर्टिसोल अस्थायी रूप से रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति को तत्काल तनाव से निपटने के लिए आवश्यक ऊर्जा मिलती है। हालांकि, यदि कोर्टिसोल का स्तर लगातार बढ़ा हुआ रहता है तो इससे इंसुलिन का स्तर लगातार उच्च हो सकता है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध होने का जोखिम बढ़ जाता है जो पेट के चर्बी के बढ़ने का कारण हो सकती है।
दीर्घकालिक तनाव से पीड़ित लोगों में ये समय के साथ अधिक वजन और मोटापे की समस्या को बढ़ाने का कारण बन जाती है।
कोर्टिसोल के कारण डायबिटीज-हार्ट की समस्या
डॉक्टर बताते हैं, तनाव के कारण शरीर में बढ़े कोर्टिसोल हार्मोन और इसके कारण बढ़े हुए वजन की स्थिति कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का कारक हो सकती है। कोर्टिसोल के साथ वजन बढ़ने की समस्या वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा होता है जो टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकती है। इसके अलाव डायबिटीज और इसके साथ बढ़े हुए वजन की समस्या
हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली मानी जाती है जिससे हार्ट की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। डॉक्टर कहते हैं, सभी लोगों को अपने स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
स्ट्रेस को करें कंट्रोल
तनाव और इसके कारण होने वाली समस्याओं को किस तरह से कंट्रोल किया जा सकता है, इसको लेकर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया लाइफस्टाइल और आहर में सुधार करके न सिर्फ तनाव को कंट्रोल किया जा सकता है साथ ही ये आपके कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ने से रोकने में भी सहायक है। नियमित व्यायाम और मेडिटेशन जैसे अभ्यास मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, जिससे स्ट्रेस का लेवल कम होता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट सभी लोगों के लिए आवश्यक है। ये आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में सहायक है।






