नई दिल्ली: अगर आपकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपये या उससे ज्यादा है तो 15 मार्च 2025 तक एडवांस टैक्स की आखिरी किस्त चुकाना अनिवार्य है. आयकर अधिनियम के तहत यह एक अहम टैक्स देनदारी है, जिससे सरकार को उसी वित्तीय वर्ष में टैक्स मिलता है, जिसमें आय होती है.एडवांस टैक्स कौन देता है?वेतनभोगी सभी कर्मचारी, जिनकी आय वेतन के अलावा किराए, पूंजीगत लाभ या ब्याज आय से होती है. व्यापार और स्वरोजगार से जुड़े लोगों को भी एडवांस टैक्स देना पड़ता है. 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट दी गई है. वेतनभोगी कर्मचारी जिनकी कुल कर देयता टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के माध्यम से काटी जाती है, उन्हें एडवांस टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
एडवांस टैक्स भुगतान कब आवश्यक है?15 जून- टोटल टैक्स लायबिलिटी का 15 फीसदी15 सितंबर- टोटल टैक्स लायबिलिटी का 45% (पहली किस्त सहित)15 दिसंबर- टोटल टैक्स लायबिलिटी का 75% (पहली और दूसरी किस्त सहित)15 मार्च – टोटल टैक्स लायबिलिटी का 100%भुगतान कैसे करें?कॉरपोरेट करदाताओं और उन करदाताओं के लिए ई-भुगतान अनिवार्य है जिनके खातों की धारा 44AB के तहत ऑडिट की आवश्यकता है.
अन्य करदाता भी ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया सरल होगी.एडवांस टैक्स का भुगतान न करने पर जुर्मानाअगर कोई टैक्सपेयर समय पर एडवांस टैक्स का भुगतान नहीं करता है, तो उसे आयकर अधिनियम की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज देना होगा.234C के तहत यदि कोई समय पर कर का भुगतान नहीं करता है, तो बकाया राशि पर 1 फीसदी मासिक ब्याज लगाया जाएगा.234B के तहत यदि कुल कर का 90 फीसदी 15 मार्च तक जमा नहीं किया जाता है, तो पूरा कर चुकाए जाने तक बकाया राशि पर 1 फीसदी मासिक की दर से ब्याज लगाया जाएगा.