नई दिल्ली:- भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए नए नियम जारी किए, जो एक मई से लागू हो चुके हैं. नए नियमों के तहत वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को अब स्लीपर या AC कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी. रेलवे ने ऐसे यात्रियों को वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर या एसी कोच में सख्ती से नहीं चढ़ने को कहा है.
अपडेट किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार व्यक्ति ने चाहे ऑनलाइन टिकट बुक किया हो या ऑफलाइन अब उसे आरक्षित स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे में अगर किसी यात्री को यात्रा करने है तो वह जनरल टिकट लेकर जनरल कोच में यात्रा कर सकता है.
नए नियमों के लागू होने के बाद कई लोग चिंतित हैं कि अब टिकट कैंसिलेशन पर चार्ज लगेगा. तो चलिए आज आपको इसी बारे में बताते हैं. गौरतलब है कि कटौती की गई राशि कैंसिल करने के समय और आपके टिकट की स्थिति के आधार पर होती है.
टिकट कैंसिलेशन चार्ज
मान लीजिए कि कंफर्म टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे से अधिक पहले रद्द किया जाता है. ऐसी स्थिति में फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज काटा जाएगा. यह चार्ज एसी फर्स्ट क्लास/एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये, एसी 2 टियर/फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये, एसी 3 टियर/एसी चेयर कार/एसी 3 इकॉनमी के लिए 180 रुपये, स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपये और सेकंड क्लास के लिए 60 रुपये है.
वहीं, अगर कोई शख्स कंफर्म टिकट ट्रेन के तय समय से 48 घंटे के भीतर और 12 घंटे पहले तक कैंसिल करता है, तो रेलवे कैंसिलेशन फीस के रूप में किराए की 25 प्रतिशत तक कटौती कर सकता है. इसी तरह ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 12 घंटे से कम समय या रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने के चार घंटे पहले तक टिकट कैंसिल करने पर मिनिमम 50 प्रतिशत कैंसिलेशन फीस ली जाएगी.
इन लोगों को नहीं मिलेगा रिफंड
आम यूजर्स के लिए चार्ट तैयार होने के बाद ई-टिकट कैंसिल नहीं किया जा सकता है. ऐसे मामलों के लिए वे ऑनलाइन टीडीआर फाइलिंग कर सकते हैं और IRCTC द्वारा प्रदान की गई ट्रैकिंग सेवा के माध्यम से रिफंड मामले की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं.
अगर ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टिकट रद्द नहीं किया जाता है या ऑनलाइन TDR दाखिल नहीं किया जाता है, तो कंफर्म रिजर्वेशन टिकटों पर किराया वापस नहीं किया जाएगा.