नई दिल्ली : गर्मियों का मौसम आ चुका है और अब दिन में कड़ी धूप है, जिसकी वजह से पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा है। ऐसे में घर से बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ रहा है, क्योंकि चिलचिलती धूप की वजह से पसीने आ रहे हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में ही रहना ज्यादा पसंद करते हैं। जहां वो पंखा, कूलर या एसी चलाकर ठंडी का आनंद लेते हैं। ऐसे में बात अगर एसी की करें, तो एसी चलाने का मतलब होता है कि बिजली का बिल ज्यादा आएगा। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल रहता है कि इन्वर्टर या नॉन इन्वर्टर एसी में से किसे चलाने पर बिजली का बिल कम आ सकता है? अगर आप भी इन दोनों एसी के बीच के अंतर को समझना चाहते हैं, तो यहां समझ सकते हैं। अगली स्लाइड्स में आप इन्वर्टर और नॉन इन्वर्टर एसी के बारे में विस्तार से जान सकते हैं..
पहले क्षमता जानें
सबसे पहले आपको इन दोनों एसी की क्षमता के बारे में जानना चाहिए। बात नॉन इन्वर्टर एसी की करें, तो ये एसी रेगुलर स्पीड की क्षमता पर चलता है। जबकि, इन्वर्टर एसी में टेम्परेचर के साथ ही स्पीड और क्षमता में बदलाव देखने को मिलता है।
कूलिंग में अंतर है या नहीं?
इन्वर्टर एसी कंप्रेसर की मोटर की स्पीड को रेग्युलेट करके कमरे को जल्दी ठंडा करता है। वहीं, जब कमरा ठंडा हो जाता है, तब भी एसी का कंप्रेसर बंद नहीं होता है। बल्कि, ये कम स्पीड के साथ काम करता रहता है, जिससे कमरे का तापमान एक जैसा बने रहने में मदद मिलती है। जबकि, नॉन इन्वर्टर एसी में इसका उल्टा है। जहां पर कमरा ठंडा होने पर कंप्रेसर बंद हो जाता है।
बिजली का बिल किसमें कम आ सकता है?
अगर आप भी इस गर्मी एसी खरीदने जा रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि इन्वर्टर और नॉन इन्वर्टर एसी में से किसे लगवाने पर बिजली का बिल कम आ सकता है। तो ऐसे में जानकार मानते हैं कि नॉन इन्वर्टर एसी के मुकाबले इन्वर्टर एसी चलाने पर बिजली का बिल कम आ सकता है।
कीमत कितनी हो सकती है?
आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही जगह से ये एसी खरीद सकते हैं। यहां आपको कीमत में फर्क मिल सकता है। बस ध्यान रहे कि इन्वर्टर एसी नॉन इन्वर्टर एसी के मुकाबले थोड़ा महंगा आता है।