नई दिल्ली : दुनिया के सौ सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की इस साल की सूची में शामिल आलिया भट्ट को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड लॉरियल ने अपना ग्लोबल ब्रांड अंबेसडर बनाया है। उनकी नई फिल्म ‘जिगरा’ भी अगले महीने रिलीज हो रही है। इस बार की ‘चार बातें’ आलिया भट्ट की..
बच्चों का प्रकृति प्रेम बेहद निराला
आलिया भट्ट की बेटी राहा नवंबर में दो साल की हो जाएंगी। वह कहती हैं, “दो महीने बाद हम राहा की दूसरी सालगिरह मना रहे होंगे। राहा की उम्र के बच्चों में प्रकृति से बातें करने का अलग ही हुनर होता है। हमें लगता है कि ये उनका बचपना है लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि बचपन में हम वाकई पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों से बातें कर सकते हों और अपने माता-पिता को बता न पाते हों। मेरी कोशिश बच्चों में इसी प्रकृति प्रेम को पनपाने की है
लोरियां नहीं कहानियों की शौकीन
आलिया भट्ट ने हाल ही में एक कॉमिक्स बुक्स सीरीज बच्चों में प्रकृति प्रेम बढ़ाने के लिए शुरी की है। आलिया बताती हैं, “मैंने जो बच्चों की पुस्तकों की सीरीज शुरू की, उसे लेकर राहा भी खूब उत्साहित रहती है। सोते समय अपनी बेटी को कहानियां सुनाना मेरा पसंदीदा शौक बन चुका है। कम से कम तीन कहानियों तो वह मुझसे सुनकर ही सोती है। और, कहानियां सुनाने की ये विरासत मुझे अपनी मां और नानी से मिली है। राहा अभी से किताबों की तरफ खूब आकर्षित होती है।”
बच्चों की आदतें हम बनाते हैं
आलिया भट्ट मानती हैं कि बच्चों की आदतें आसपास के वातावरण को देखकर बनती हैं। वह कहती हैं, “यदि छोटे बच्चों के सामने हम लगातार मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर व्यस्त रहेंगे तो वह भी वैसा ही करेंगे। बच्चों के सामने अखबार पढ़ने, किताबें पढ़ने या एक दूसरे से बातें करने की कोशिशें करने से उनमें भी ये पढ़ने-सुनने के संस्कार आते हैं, ऐसा मेरा पक्का मानना रहा है। कम से कम राहा में हम ऐसा होता देख भी रहे हैं।
बच्चों का सिनेमा फले-फूले
आलिया भट्ट के पास इन दिनों संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बैजू बावरा’, करण जौहर की फिल्म ‘लव एंड वॉर’ और शिव रवैल की फिल्म ‘अल्फा’ हैं। आलिया की एक फिल्म अगले महीने रिलीज होने वाली है। वह बताती हैं, “मेरी अगली फिल्म ‘जिगरा’ भाई-बहन के रिश्तों की एक एक्शन से भरपूर फिल्म है। इसके निर्देशक वासन बाला को पुरानी चीजों को नए कलेवर में पिरोने में महारत हासिल है। जिस तरह से वह अतीत का वर्तमान से मिलन कराते हैं, वह हम उनकी पिछली फिल्म में देख ही चुके है। चित्रकथाओं की जो सीरीज मैंने शुरू की है, मेरा इरादा उन किरदारों को लेकर एनीमेशन सीरीज बनाने का भी रहा है। मैं चाहती हूं कि देश में बच्चों का सिनेमा खूब फले फूले।