अजमेर:– अवैध निर्माण पर प्रदेश ही नहीं देश भर के कई राज्यों में लगातार कार्रवाई जारी है। अवैध निर्माण पर कार्रवाई के तहत ताजमहल पर बुलडोजर चलाया गया। बताया जा रहा है कि ताज महल सहित कई निर्माण को अवैध बताते हुए प्रशासन ने बुलडोजर चलवाया है, जो लगातार चौथे दिन जारी है। वहीं, कुछ मजदूर ऐसे भी लगाए गए हैं जो छीनी हथौड़ा लेकर ताजमहल के ऊपर चढ़ गए और उसे तोड़ रहे हैं। अतिक्रमण पर कार्रवाई के दौरान माहौल न गरमाए इसलिए भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।
दरअसल सेवर वंडर पार्क अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया था, जिसका उद्घाटन राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 में किया था। इसके निर्माण पर 11.64 करोड़ रुपए की लागत आई थी। लेकिन इस पार्क पर अवैध होने का आरोप लगा जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने पहले इस पार्क के निर्माण को वेटलैंड नियमों की अवहेलना करार देते हुए इसे हटाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सेवन वंडर पार्क को 17 सितंबर तक हटाने की समय सीमा दी है।
पार्क से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिकृति को पहले ही हटाया जा चुका है। इसमें ताजमहल, एफिल टावर, पीसा की मीनार, मिस्र का गीजा का पिरामिड, रोम का कोलोजियम और रियो डी जेनेरियो का क्राइस्ट द रिडीमर जैसी प्रतिकृतियां बनाई गई थीं। यह पार्क पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया था। अजमेर आनेवाले पर्यटकों के अलावा यहां शादियों की शूटिंग भी होने लगी थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता अशोक मलिक ने 2023 में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि यह पार्क आम लोगों के करोड़ों रुपए के टैक्स से बनाया गया है जो डूब क्षेत्र में होने की वजह से अवैध निर्माण है। इसके बाद इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई के बाद इसे पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करार देते हुए अजमेर नगर निगम और अजमेर जिला प्रशासन को इस पार्क को हटाने का आदेश दिया था।