मध्यप्रदेश:– 18 अक्टूबर को पड़ने वाले इस धनतेरस पर अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में संपन्नता और समृद्धि स्थायी रूप से बनी रहे, तो आपको बस 1 घंटे 4 मिनट के भीतर पूजा और खरीदारी का शुभारंभ कर लेना होगा. ध्यान रहे, यह वही दिन है जिससे दिवाली की पांच दिवसीय श्रृंखला का आरंभ होता है. मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और धन के अधिपति कुबेर की विशेष कृपा पाने का यह अवसर साल में एक बार आता है.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त – केवल 64 मिनट
तारीख: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
शुभ पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
कुल समय: 1 घंटा 4 मिनट
अगर आप इस अवधि में पूजा नहीं कर पाए, तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्ण फल की प्राप्ति कठिन हो सकती है.
धनतेरस खरीदारी का संपूर्ण मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर, दोपहर 1:15 बजे
मतलब है कि 18 अक्टूबर की पूरी शाम और रात तक खरीदारी शुभ मानी जाएगी. हालांकि पूजा के लिए विशेष योग केवल शाम को ही है.
क्या खरीदें इस धनतेरस? — शुभ चीज़ें जो लाएंगी लक्ष्मी का वास
सोना-चांदी:
यह दिन बहुमूल्य धातुओं की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है. मान्यता है कि इस दिन सोना या चांदी खरीदने से साल भर आर्थिक समृद्धि बनी रहती है. चाहे वो ज्वेलरी हो या सिक्के — शुद्धता और भावना मायने रखती है.
पीतल और तांबे के बर्तन:
भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद के लिए पीतल/तांबे के बर्तन खरीदना श्रेष्ठ माना गया है. इन्हें रसोई में स्थान देने से रोगों से बचाव और स्वास्थ्य में सुधार होता है. कांच, स्टील, एल्युमिनियम या लोहे के बर्तनों की खरीद से बचने की सलाह दी जाती है.
धनिया के बीज:
इनका महत्व धार्मिक और आर्थिक दोनों रूपों में है. धनिया के बीज लक्ष्मी का प्रतीक माने जाते हैं, इन्हें तिजोरी में रखा जाता है ताकि घर में धन की वर्षा बनी रहे.
झाड़ू:
झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. इसे धनतेरस के दिन खरीदना और प्रयोग करना दरिद्रता दूर करने का प्रतीक माना जाता है.
नमक:
नए पैकेट में नमक खरीदना और घर में लाना नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है. विशेष रूप से सेंधा नमक या सफेद नमक को शुभ माना गया है.
इलेक्ट्रॉनिक और घरेलू उपकरण:
इस दिन घर के उपयोगी सामान, जैसे फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, वाहन या यहां तक कि संपत्ति में निवेश को भी शुभ माना जाता है. नई खरीदारी से घर में नव ऊर्जा का प्रवेश होता है.
धनतेरस की पूजा विधि संक्षेप में:
घर और प्रवेश द्वार को साफ करें, दीप सजाएं. लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. धनिया के बीज, सिक्के, हल्दी, चावल से पूजा करें. दीपक जलाकर मां लक्ष्मी से धन-संपत्ति की प्रार्थना करें. पूजा के बाद धनिया बीज को तिजोरी या घर की पूजा जगह में रखें.
ध्यान रखें – छोटी बातें, बड़ा असर
धनतेरस की खरीदारी और पूजा शुद्ध मन और श्रद्धा से करें. अगर सोना-चांदी नहीं खरीद सकते, तो छोटी चीजें भी लक्ष्मी कृपा लाती हैं. इस दिन किसी से उधार न लें और न ही किसी को पैसे उधार दें.
बता दें कि धनतेरस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि समृद्ध भविष्य की शुरुआत का दिन है. इस बार समय भले ही सीमित है, लेकिन श्रद्धा असीम होनी चाहिए. 18 अक्टूबर की शाम 7:16 से पहले तैयारी कर लें, ताकि 64 मिनट का वो शुभ योग आपकी ज़िंदगी में स्थायी बरकत लेकर आए।