लेखक- स्नेहा भारतीइंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या के साथ ही भारत में किडनी की बीमारी भी खतरनाक रूप से बढ़ रही है. आईएमए ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2040 तक भारत में किडनी की बीमारी से होने वाली मौतें मौत का 5वां प्रमुख कारण होंगी. आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यह वास्तव में चिंता का विषय है और इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतने का यह सही समय है. एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में 90 करोड़ से अधिक लोग किडनी से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त हैं.
हर 10 वयस्कों में से एक को किडनी की बीमारी हो सकती है और अगर इलाज न कराया जाए तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है.शरीर के लिए बेहद जरूरी किडनीशरीर का हर अंग बहुत महत्वपूर्ण है. खास तौर पर हमारी मुट्ठी जितनी बड़ी किडनी कई काम करने में अहम भूमिका निभाती है. किडनी मानव शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण अंग है. शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए किडनी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति की किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर दे तो उसे किडनी फेलियर या यूरीमिया कहते हैं. इस स्थिति में शरीर में अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं. जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है.प्यूरीफायर की तरह काम करती है किडनीकिडनी मानव शरीर में प्यूरीफायर की तरह काम करती है.
ऐसे में किडनी फेलियर होने पर पूरे शरीर प्रभावित हो सकता है. दरअसल, यूरिनरी सिस्टम और यूरेथ्रा शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं और किडनी खून से वेस्ट मटेरियल और अधिक पानी को छानकर पेशाब बनाती है. शरीर को हेल्दी रखने के लिए वेस्ट मटेरियल बहुत महत्वपूर्ण है. अगर यह ठीक से काम नहीं करती है, तो शरीर में खराब पदार्थ और अधिक पानी जमा हो सकता है. इससे हार्ट सिस्टम जैसे अन्य प्रणाली को भी नुकसान पहुंच सकता है और गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ पानी पीना ही काफी नहीं है. इसके लिए जीवनशैली में बदलाव भी बहुत जरूरी होता है.
बता दें, किडनी खराब होना जानलेवा हो सकता हैडायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को ज्यादा खतराडॉ. जयेश का कहना है कि स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, नमक का सेवन कम करना, वजन कम करना, दर्द निवारक जैसी ओवर-द-काउंटर दवाओं से बचना, पर्याप्त पानी पीना, शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना आदि किडनी की बीमारी से बचाव के कुछ तरीके हैं. डॉ. जयेश ने किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हाई रिस्क वाले रोगियों के लिए रेगुलर खून और मूत्र परीक्षण के महत्व पर भी जोर दिया. डॉ. के अनुसार, डायबिटीज के रोगियों को किडनी की बीमारी का खतरा अधिक होता है, क्योंकि ब्लड शुगर का हाई लेवल किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.
वहीं, हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को किडनी की बीमारी का खतरा अधिक होता है, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. डॉ. लेले ने कहा कि दवाओं, संक्रमण, निर्जलीकरण और यहां तक कि जटिल गर्भधारण के कारण भी अचानक या तेजी से किडनी की क्षति हो सकती है.विश्व किडनी दिवस 2025 लें यह संकल्पविश्व किडनी दिवस 2025 एक अंतरराष्ट्रीय पहल है जो हमारे समग्र स्वास्थ्य में किडनी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है. इसका उद्देश्य दुनिया भर में किडनी की बीमारी और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रसार और प्रभाव को कम करना है. इस वर्ष का अभियान किडनी की बीमारी का जल्द पता लगाने के महत्व पर केंद्रित है और रिस्क फैक्टर्स को समझने, जोखिम वाली आबादी के लिए समय पर जांच और जटिलताओं को रोकने के लिए शुरुआती हस्तक्षेप को लागू करने पर जोर देता है.
इसलिए इस विश्व किडनी दिवस पर, अपने किडनी की अच्छी देखभाल करने का संकल्प लें और ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना शुरू करें जो स्वाभाविक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर हों और मानव किडनी के प्रभावी कामकाज के लिए अच्छे माने जाते हैं.इन फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें
सेब- पेक्टिन की मात्रा से भरपूर सेब किडनी को नुकसान होने की संभावना को कम करने में मदद करता है और किडनी की सुरक्षा में भी सहायक होता है.
बेरीज- ये एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. किडनी को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार में प्रतिदिन 1/2 कप बेरीज शामिल करने का सुझाव दिया जाता है.
खट्टे फल- संतरे और नींबू जैसे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो विटामिन सी का सेवन पथरी बनने की दर को कम करने में अत्यधिक प्रभावी है.
गोभी- गोभी में सोडियम की मात्रा कम होती है और यह किडनी की बीमारियों को रोकने में सहायक है. इसमें अन्य यौगिक और विटामिन भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं
.लाल शिमला मिर्च- ये रक्त में अपशिष्ट को तोड़ने में मदद करते हैं और इसलिए किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए एक आदर्श सब्जी है. शिमला मिर्च को बेक करके या भूनकर खाने का सुझाव दिया जाता है.
फूलगोभी- फूलगोभी में इंडोल, ग्लूकोसाइनोलेट्स और थायोसाइनेट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर में मौजूद सभी विषाक्त अपशिष्ट को बाहर निकाल देते हैं और किडनी को स्वस्थ रखते हैं.केल- यह हरी पत्तेदार सब्जी एक सुपरफूड है जिसमें विटामिन और खनिज की मात्रा अधिक होती है और यह किडनी को स्वस्थ रखती है और इसकी कार्यक्षमता भी बढ़ाती है.