मध्य प्रदेश:- बाकी पौधों की तरह ही मनी प्लांट भी अपनी परेशानी को बोलकर नहीं बता पाते हैं, इसलिए वह इस तरीके से बनाएं गए हैं कि चीजे अनुकूल न होने पर उनका फिजिकल अपीयरेंस बदलने लगता है। इसका एक सबसे कॉमन संकेत है हरे पत्तों का रंग बदलना, जो यह दर्शाते हैं कि इन्हें आपके अटेंशन की जरूरत है। ब्राउन से लेकर पीले होने वाले पत्तों के अपने अलग-अलग कारण और मतलब होते हैं, जो आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं और वक्त पर पौधे के लिए सही सुधार नहीं कर पाते है जिससे पौधे मर जाते हैं।
जबकि पौधों की पत्तियों का पीला होना अनहेल्दी ग्रोथ की ओर इशारा करता है, लेकिन यह एक हेल्दी संकेत भी हो सकता है। उगने के मौसम के दौरान, मनी प्लांट अपने पोषक तत्वों को नई पत्तियों में बढ़ाता है, जिससे अवांछित पत्तियां पीली पड़ सकती हैं। इसलिए, यदि पत्तियों के निचले हिस्से का रंग बदल रहा है, जबकि ऊपरी हिस्से में नई पत्तियां उग रही हैं, तो चिंता न करें। यह छटाई का नेचुरल प्रोसेस है।
सही मात्रा में पानी ना मिलने के कारण मनी प्लांट की पीले और भूरे रंग में बदलने लगती है। ध्यान रखें यह नमी सिर्फ मिट्टी से संबंधित नहीं होती है, बल्कि पौधे के वातावरण से भी जुड़ी होती है, जो निर्जलीकरण का कारण बन सकती है।
गर्मियों के मौसम में या बहुत गर्म तापमान वाले स्थानों पर रखे पौधे में ऐसा होना बहुत आम है। इससे बचाव के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें और मिट्टी में सूखेपन की जांच करें।
मनी प्लांट को ग्रोथ के लिए धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए, जब उन्हें बिना धूप के अंधेरे स्थानों में रखा जाता है, तो वे एक संकेत के रूप में अपने पत्तों को पीला कर देते हैं। अब, ऐसी चीजों से बचने के लिए, कोई भी घर के धूप वाले हिस्से में मनी प्लांट लगा सकता है। हालांकि, यदि वे सूरज की रोशनी में भी पीले हैं, तो उनका स्थान बदलने का प्रयास करें।
एफिड, मिलीबग और मकड़ी जैसे कीड़े मनी प्लांट की पत्तियों पर भोजन करना पसंद करते हैं। वे स्वस्थ रस को चूसते हैं और पत्तियों को निर्जीव और पीला छोड़ देते हैं। ऐसे में पौधे को हरा रखने के लिए सावधानीपूर्वक संक्रमित हिस्से की छंटाई करें और बाकी पत्तियों को उचित उर्वरकों के साथ कोट करें।