नई दिल्ली : जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता जाता है। विशेषतौर पर महिलाओं की सेहत पर इसके दुष्प्रभाव और अधिक देखे जाते रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र के बाद शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो उनमें बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मेनोपॉज की उम्र में आते-आते अधिकतर महिलाएं हार्ट, आर्थराइटिस सहित कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं।
हर साल 8 मार्च को महिला अधिकारों, समानता और महिलाओं के खिलाफ हिंसा-दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने, महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आइए इस लेख में उम्र के साथ महिलाओं में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और इनसे बचाव के उपायों के बारे में जानते हैं।
मेनोपॉज की उम्र में होने वाली दिक्कतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, उम्र बढ़ने के साथ आपकी पोषण संबंधी जरूरतें बदल जाती हैं। उदाहरण के लिए मेनोपॉज से पहले, आपको प्रतिदिन लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि बाद में इसकी मात्रा बढ़कर 1,200 मिलीग्राम से अधिक हो जाती है। हालांकि दुर्भाग्यवश अधिकतर महिलाओं को आहार से शरीर के लिए जरूरी ये पोषक तत्व नहीं मिल पाता है।
इसके अलावा मेनोपॉजवह समय जब आपका मासिक धर्म चक्र बंद हो जाता है, भारत में 45-50 की आयु की स्थिति कई प्रकार के आवश्यक हार्मोन्स में असंतुलन का भी कारण बनती है जिससे आपमें कई प्रकार की बीमारियों का खतरा हो सकता है।
बढ़ जाती है हार्ट की समस्या
महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि स्तन कैंसर उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद उनके सामने सबसे बड़ा खतरा वास्तव में हृदय रोग है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग एक तिहाई महिलाओं में उम्र के साथ हृदय रोग विकसित हो जाता है, मेनोपॉज के लगभग 10 साल के भीतर महिलाओं में दिल के दौरे की दर बढ़ने लगती है।
इसका प्रमुख कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है जो रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाए रखने में मदद करती है। जब एस्ट्रोजन कम हो जाता है, तो ये रक्तचाप में वृद्धि और धमनियों की दीवारों को मोटा कर सकती है। ये स्थिति हार्ट के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है।
ऑस्टियोपोरोसिस की हो सकती हैं शिकार
जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन रिसर्च में साल 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने की आशंका पुरुषों की तुलना में 4 गुना अधिक होती है। ये ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं और इसके आसानी से टूटने का खतरा रहता है। अध्ययन के अनुसार मेनोपॉज से पहले, महिलाओं की हड्डियां एस्ट्रोजन द्वारा संरक्षित होती हैं, हालांकि इस हार्मोन में आने वाली कमी हड्डियों के लिए समस्या बढ़ाने लगती है।
मेनोपॉज के बाद कैसे रखें सेहत का ध्यान
डॉक्टर्स कहते हैं कुछ टिप्स आपको रजोनिवृत्ति के बाद स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
धूम्रपान न करें, धूम्रपान हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
नियमित रूप से व्यायाम जरूरी है। सप्ताह में कम से कम 4 दिन मध्यम व्यायाम, रोजाना आधा घंटा पैदल चलने की आदत बनाएं।
आहार में नमक, चीनी की मात्रा को कंट्रोल रखें। हो सके तो इनके अधिक सेवन से बचें।
वजन को कंट्रोल रखना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है। इससे हार्ट-हड्डियों को स्वस्थ रखने में लाभ मिल सकता है।
नींद में सुधार करना, रोजाना रात में आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।
स्ट्रेस की स्थिति संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है। इससे शारीरिक-मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर असर हो सकता है।






