सरगुजा: जिले में धान खरीदी पूरी हुए 1 महीने का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक समितियों से पूरे धान का उठाव नहीं हो सका है. इस बीच एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां एक समिति में ही करीब 5 हजार बोरे धान की खरीदी कागजों में कर ली गई है. जब समितियों का भौतिक सत्यापन किया गया तो इस मामले का खुलासा हुआ. अब विभाग जिले की सभी समितियों के सत्यापन की बात कह रहा है, जिससे फर्जीवाड़े का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि अभी उठाव पूरा नहीं हो सका है.मामला सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के राजापुर समिति के उप समिति खड़गवां धान खरीदी केंद्र का है. इस केंद्र में धान खरीदी में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है
. खड़गवां धान खरीदी में जब भौतिक सत्यापन किया गया तो यहां करीब 2291 क्विंटल धान कम पाया गया यानी 5700 बोरा धान गायब गायब था.धान खरीदी फर्जीवाड़ा पर कार्रवाई )जब अधिकारियों ने पड़ताल की तो पता चला कि यहां पदस्थ धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर ने कागजों में ही धान की खरीदी कर दी. गायब धान की कीमत करीब 70 लाख रुपये आंकी गई है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए समिति प्रभारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर को निलंबित कर दिया गया है.
सरगुजा में धान का फर्जीवाड़ा सरगुजा जिले में 39 समितियों के 58 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी की गई है. ऐसे में खड़गवां धान खरीदी में सामने आई बड़ी गड़बड़ी के बाद जिले भर के समितियों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. जिला खाद अधिकारी चित्रकान्त ध्रुव का कहना है कि अन्य समितियों में धान का उठाव जारी है और इसके बाद ही धान के शॉर्टेज का पता लगाया जाएगा. हालांकि अधिकारी का ये भी कहना है कि खड़गवां में सामने आये फर्जीवाड़े को लेकर वसूली और एफआईआर की कार्रवाई भी की जा सकती है.
70 लाख का धान गायब सरगुजा में एक समिति में सामने आए फर्जीवाड़े से ये बात साफ है कि शासन की लाख कोशिशों के बाद भी धान की खरीदी में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है. ये फर्जीवाड़ा और भी समितियों में हो सकता है, क्योंकि अभी भी उठाव बाकी है. ऐसे में जरूरत है कि सभी समितियों में इसकी बारीकी से जांच कराई जाए ताकि फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा सके.