मध्यप्रदेश:– अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपके लिए KYC अपडेट होना बेहद जरूरी है. KYC के बिना न तो आप नया निवेश कर सकते हैं और न ही पुराने निवेश से पैसा निकाल पाएंगे. RBI और SEBI के दिशा-निर्देशों के तहत हर निवेशक का KYC वेरिफाइड होना अनिवार्य है.
केवाईसी स्टेटस कैसे चेक करें?
निवेशक यह जान सकते हैं कि उनकी KYC की स्थिति क्या है – मान्य रजिस्टर्ड होल्ड या अस्वीकृत इसके लिए:
सबसे पहले उस RTA या AMC की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करें, जहां से आपने निवेश किया है.
वहां पर अपना PAN नंबर दर्ज करें.
कैप्चा भरकर सबमिट करें.
स्क्रीन पर तुरंत आपका KYC स्टेटस दिखाई देगा.
अगर स्टेटस वेरीफाइड/रजिस्टर्ड है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है और आप आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.
कब जरूरी होगा दोबारा KYC
यदि आप किसी नई AMC या नए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, जहां आपकी KYC पहले से नहीं है, तो आपको फिर से KYC करानी होगी.
इसके लिए आप mAadhaar, DigiLocker या PAN-Aadhaar लिंकिंग के जरिए ऑनलाइन e-KYC करा सकते हैं.
KYC रिजेक्ट या होल्ड होने पर क्या करें?
अगर आपकी KYC रिजेक्ट या होल्ड दिख रही है तो आपको बताए गए कारण को सुधारना होगा. सामान्य कारण ये हो सकते हैं:
ईमेल या मोबाइल नंबर वेरिफाइड न होना
पैन और आधार का लिंक न होना
अधूरे या गलत दस्तावेज जमा करना
गलती सुधारने के बाद जैसे ही आपका KYC स्टेटस “पंजीकृत हो जाएगा, आप फिर से सामान्य तरीके से निवेश और निकासी कर पाएंगे.
KYC न कराने या अपडेट न करने के परिणाम
नए निवेश नहीं कर पाएंगे.
पहले से चल रहे ट्रांजैक्शन रुक सकते हैं.
पुराने निवेश से निकासी भी रोक दी जाएगी.
लंबे समय तक अपडेट न होने पर आपका म्यूचुअल फंड अकाउंट निष्क्रिय हो सकता है.
कहां करें e-KYC?
निवेशक एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की वेबसाइट से भी e-KYC पेज पर जाकर प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
KYC आपके निवेश की नींव है. अगर यह अधूरा या रिजेक्टेड है, तो आपकी पूरी निवेश यात्रा बाधित हो सकती है. इसलिए समय रहते अपना KYC स्टेटस चेक करें और यदि कोई कमी है तो तुरंत सुधार करें, ताकि आपके म्यूचुअल फंड निवेश बिना रुकावट के चलते रहें।